जेल में पदस्थ खाकी को नहीं मिल रहा साप्ताहिक अवकाश

Shahdol prison staff are not getting weekly leave
जेल में पदस्थ खाकी को नहीं मिल रहा साप्ताहिक अवकाश
जेल में पदस्थ खाकी को नहीं मिल रहा साप्ताहिक अवकाश

डिजिटल डेस्क, शहडोल। पुलिस की तरह ही ड्यूटी करने वाले खाकी वर्दीधारी जेल स्टाफ साप्ताहिक अवकाश जैसी सुविधा से वंचित हैं। प्रदेश की नई सरकार आते ही पुलिस मोहकमे में साप्ताहिक अवकाश की सुविधा प्रदान की गई। जिले में पुलिस कर्मी सप्ताह में एक दिन रोस्टर के अनुसार छुट्टी पर जाने भी लगे। परंतु जेल विभाग में ऐसी कोई व्यवस्था लागू नहीं की गई है। शासन द्वारा जेलों के लिए ऐसे कोई आदेश भी जारी नहीं किए गए हैं। जिले में दो उप जेल मिलाकर तीन जेल हैं। जहां 150 के लगभग स्टॉफ काम कर कर हैं। सार्वजनिक तौर पर कहीं से आवाज उठ तो नहीं रही है, लेकिन जेलों के काम करने वाले कर्मचारियों में चर्चा होने लगी है कि जब पुलिस की तरह ही जेल स्टाफ काम करता है तो यहां भी ऐसी व्यवस्था लागू होनी चाहिए। जेल में स्टाफ की कमी के कारण मौजूदा कर्मचारियों को लगातार और कभी कभार तो डबल ड्यूटी करनी पड़ जाती है।
जेल में स्टॉफ की ये है स्थिति-
जिला जेल में वर्तमान में उप अधीक्षक सहित 18 पद रिक्त पड़े हुए हैं। कुल 63 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 45 पदों पर ही कर्मचारी पदस्थ हैं। इनमें से 10 स्टॉफ को नवीन जेल अनूपपुर तथा त्योंथर उप जेलों में भेज दिया गया है। अब बचे हुए 35 स्टॉफ से ही काम चलाना पड़ रहा है। रिक्त पदों में द्वितीय श्रेणी के पूर्ण कालिक व अंश कालिक चिकित्सक, सहायक जेल अधीक्षक के दो, मेल नर्स, लेखापाल, मुख्य प्रहरी, वाहन चालक, कम्पाउण्डर, व सुधार उपदेशक के 1-1 पद खाली पड़े हैं। सबसे ज्यादा 7 प्रहरी पद रिक्त हैं। इसी प्रकार बुढ़ार तथा ब्यौहारी उप जेलों में कर्मचारियों की कमी बनी हुई है।
इस तरह की आ रही समस्या-
स्टाफ की कमी के कारण जेल प्रशासन को अनेक तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में जिला जेल में 7 ऐसे बंदी हैं, जिन्हें विभिन्न बीमारियों के चलते इलाज के लिए जबलपुर व रीवा के लिए रेफर किया गया है, लेकिन उन्हें ले जाने के लिए गार्ड की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। मजबूरी में स्थानीय चिकितालय में इलाज कराना पड़ रहा है। वीडियो कांफे्रसिंक की सुविधा हो जाने से ज्यादातर बंदियों की पेशी जेल से ही हो जा रही है, लेकिन फैसले या हाई कोर्ट जाने के लिए गार्ड नहीं मिल पाते। ऐसे हालातों में जेल के कर्मचारियों को डबल ड्यूटी करनी पड़ जाती है। यदि जेल में भी साप्ताहिक अवकाश लागू हो जाता है तो कर्मचारियों को राहत मिल सकती है।
इनका कहना है-
कर्मचारियों की कमी तो है। लेकिन उन्हीं से काम चलाना पड़ता है। अनूपपुर जेल शुरु हो जाने से राहत मिली है। जहां तक साप्ताहिक अवकाश की बात है तो हमारे यहां अभी तक ऐसा कोई आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं। यह व्यवस्था लागू होती है तो अच्छी बात है, इससे कर्मचारियों को काफी रिलीव मिल सकता है।
जीएल नेटी, अधीक्षक जेल

Created On :   3 Feb 2019 9:29 PM IST

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