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शेगांव और औरंगाबाद की बसों को लगानी पड़ रही लंबी फेरियां

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर से शेगांव, औरंगाबाद व धुले जाने वाली बसों काे 30 से 35 किमी तक का ज्यादा सफर तय करके बालापुर जाना पड़ रहा है। नियमों के बाहर एसटी बसों को स्टॉपेज देने से यात्रियों का समय बर्बाद हो रहा है। दुर्घटनाओं से बचने के लिए बसों को धीमी रफ्तार से गंतव्य तक पहुंचाया जाता है। जिससे ट्रेनों की तुलना व निजी बसों की तुलना यह बसें देरी से गंतव्य तक पहुंचती हैं। इसमें अब कुछ बसों को अतिरिक्त स्टॉपेज के चक्कर में 30 से 35 किलोमीटर की दूरी ज्यादा तय करनी पड़ रही है। ऐसे में गंतव्य तक बसें 1 से 2 घंटे विलंब से पहुंच रही हैं। इससे यात्रियों का समय बर्बाद हो रहा है। नियमानुसार किसी भी बस को अतिरिक्त स्टॉपेज तब तक नहीं दिया जा सकता है, जब तक इस संदर्भ में आदेश जारी नहीं हुआ हो।
इस तरह घूमना पड़ रहा
नागपुर से शेगांव जाने वाली बसें कोंढाली, कारंजा, तड़ेगांव, अमरावती, मूर्तिजापुर, अकोला होते हुए शेगांव जाती हैं, जिसके लिए 6 घंटे लगते हैं। लेकिन कुछ दिनों इनमें से कुछ बसों को अकोला से बालापुर के लिए भेजा जाता है, जो 30 से 35 किमी दूर है, ऐसे में 6 घंटे में गंतव्य तक पहुंचने वाली बसें 7 से 8 घंटे लगा देती हैं। इसी तरह नागपुर-धुले बस का भी हाल है। इस बस को अधिकृत स्टॉपेज के अनुसार कोंढाली, कारंजा, तड़ेगांव, अमरावती, मूर्तिजापुर, अकोला, खामगांव, मलकापुर, मुक्ताईनगर, भुसावल, जलगांव होकर धुले पहुंचना होता है। जिसके लिए 9 से साढ़े नौ घंटे में सफर करना पड़ता है। लेकिन बस को अकोला के बाद बालापुर के लिए भेजा जाता है, जिससे इसे 11 घंटे तक लगते हैं। नागपुर से औरंगाबाद जाने वाली बसों के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। 12 घंटे में इस बस को उपरोक्त स्टॉपेज होकर औरंगाबाद पहुंचाना होता है, लेकिन खामगांव के पहले बालापुर की ओर मोड़ा जाता है, जो समय की बर्बादी होती है।
नियम तोड़ने वालों पर होगी कार्रवाई
जिन बसों का स्टॉपेज बालापुर होता है, उन्हें ही वहां भेजा जाता है। यदि नियमों के बाहर बसों को भेजा जाता होगा, तो तुरंत कार्रवाई होगी। - निलेश बेलसरे, विभाग नियंत्रक, एसटी महामंडल नागपुर
Created On :   9 Feb 2021 2:13 PM IST