HC का शिर्डी संस्थान को निर्देश, 4 फरवरी से पहले निधि खर्च न करें

High court: Shirdi Institute cant spend funds till 4 February
HC का शिर्डी संस्थान को निर्देश, 4 फरवरी से पहले निधि खर्च न करें
HC का शिर्डी संस्थान को निर्देश, 4 फरवरी से पहले निधि खर्च न करें

डिजिटल डेस्क,औरंगाबाद। बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ के न्यायाधीश एसएस शिंदे और न्यायाधीश आरजी अवचट की पीठ ने शिर्डी संस्थान को आदेश दिया है कि वह अपनी निधि का इस्तेमाल दैनिक कार्यों के अलावा अन्य किसी भी कार्य के लिए 4 फरवरी तक न करें। मामले में लगाई याचिका पर अगली सुनवाई 4 फरवरी को होगी।  सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने शिर्डी संस्थान से पूछा कि निलवंडे परियोजना के लिए सरकार को 500 करोड़ की निधि देने का ऐलान कौन से प्रावधान के तहत किया। 

यह भी जानना चाहा कि राज्य में कई परियोजनाओं का कार्य आधा-अधूरा है तो फिर सिर्फ निलवंडे बांध के लिए ही क्यों निधि देने की कोशिश की। यह भी पूछा कि राज्य के अन्य बांधों के कामकाज के लिए निधि क्यों नहीं दी गई। संस्थान की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए, साफ-सफाई को लेकर संस्थान को फटकार लगाते हुए अदालत ने कहा कि साईंबाबा के भक्त केवल देश से ही नहीं, बल्कि विदेश से भी आते हैं। देश के अन्य धार्मिक स्थलों की तरह शिर्डी में साफ-सफाई क्यों नहीं है। 

धार्मिक कार्यां पर ही खर्च हो राशि

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील एड. प्रज्ञा तलेकर ने जब शिर्डी संस्थान के सामाजिक कार्यों की ओर ध्यानाकृष्ट करते हुए कहा कि संस्थान की योजना 500 एंबुलेंस खरीदने की है, तो खंडपीठ ने कहा कि वहां जमा होने वाली राशि भक्तों की है। इसलिए राशि का इस्तेमाल धार्मिक कार्यों पर ही होना चाहिए।

Created On :   31 Jan 2019 7:10 AM GMT

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