नाटक कंपनी है शिवसेनाः फडणवीस

Shiv Sena is a drama company: Fadnavis
नाटक कंपनी है शिवसेनाः फडणवीस
नाटक कंपनी है शिवसेनाः फडणवीस

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर जारी विवाद के बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर बड़ा हमला बोला है। फडणवीस ने शिवसेना को नाटक कंपनी करार दिया है। मंगलवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि औरंगाबाद मनपा का चुनाव करीब है। इसलिए शिवसेना और कांग्रेस की तरफ से तय रणनीति के तहत मुद्दे को हवा दी जा रही है। शिवसेना औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर रखने की बात कह रही है। जबकि कांग्रेस जिले का नाम बदलने का विरोध कर रही है। दोनों दलों को लग रहा है कि उनके अपने मतदाता खुश होंगे। इससे साफ पता चलता है कि दोनों दलों के बीच नूराकुश्ती चल रही है। दोनों दल नामांतरण के मुद्दे पर गंभीर नहीं है। नाम बदलने के मुद्दे पर केवल नाटक चल रहा है। फडणवीस ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए औरंगाबाद मनपा को सड़क निर्माण के लिए पैसे मंजूर किए गए थे। लेकिन औरंगाबाद मनपा ने समय पर पैस खर्च नहीं किए। मैंने अतिरिक्त 100 करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन कई दिनों तक वर्क ऑडर नहीं निकाला गया। मैंने जलापूर्ति योजना के लिए 1600 करोड़ रुपए मंजूर किया था। अब जाकर योजना का काम शुरू किया गया है। 

शिवसेना नहीं औरंगजेब सेना है यह
जबकि प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने शिवसेना को औरंगजेब सेना करार दिया है। उपाध्ये ने कि औरंगाबाद के नामांतर के मुद्दे पर शिवसेना की भूमिका दोगली है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना अब शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहब ठाकरे वाली शिवसेना नहीं रह गई है। शिवसेना अब औरंगजेब की सेना बन गई है। उपाध्ये ने कहा कि शिवसेना औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर रखने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है। शिवसेना का बर्ताव विश्वासघात करने वाला है। 

देशमुख सरकार ने रद्द की थी नामांतरण की अधिसूचना
उपाध्ये ने कहा कि साल 1995 में युति सरकार के समय औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर रखने के प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। लेकिन औरंगाबाद मनपा के तत्कालीन नगरसेवक मुश्ताक अहमद हाईकोर्ट में गए थे। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। मामला सुप्रीम कोर्ट ले गए थे। उसके बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन होने पर तत्कालीन देशमुख सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सरकार नामांतरण की अधिसूचना रद्द कर रही है। देशमुख सरकार ने नामांतरण की अधिसूचना को रद्द कर दिया था। इसके बाद साल 2011 में तत्कालीन चव्हाण सरकार के समय दोबारा यह प्रस्ताव आया था। लेकिन तब की सरकार ने प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया। उपाध्ये ने कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार के समय औरंगाबाद का नाम बदलने के लिए प्रयास किए गए थे। फडणवीस सरकार के समय विभागीय आयुक्त को पांच पत्र भेजे गए थे। लेकिन औरंगाबाद मनपा में शिवसेना के महापौर ने लगातार कहा कि सरकार के पास प्रस्ताव न भेजा जाए। जबकि भाजपा के नगरसेवकों ने मनपा सदन में लगातार मांग की थी। 

शिवसेना औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर प्रतिबद्धः सुभाष देसाई 
प्रदेश के उद्योग मंत्री तथा औरंगाबाद के पालक मंत्री सुभाष देसाई ने कहा है कि शिवसेना औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर प्रतिबद्ध है। क्योंकि शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहब ठाकरे ने खुद औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर रखने की घोषणा की थी। बालासाहब के शब्द हमारे लिए पत्थर की लकीर है। देसाई ने कहा कि मुझे भाजपा से पूछना है कि भाजपा सरकार के समय पांच साल तक तत्कालीन मुख्यमंत्री फडणवीस सो रहे थे क्या? राज्य और केंद्र दोनों जगह पर भाजपा की सरकार थी। देसाई ने कहा कि भाजपा के साथ शिवसेना भी सरकार में थी। लेकिन पूरी सत्ता भाजपा के पास ही थी। 

Created On :   5 Jan 2021 2:27 PM GMT

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