नाणार परियोजना को लेकर बयान से पलटे शिवसेना विधायक, कहा - यह मेरा निजी मत 

Shiv Sena MLA reversed statement about Nanar project, said - This is my personal opinion
नाणार परियोजना को लेकर बयान से पलटे शिवसेना विधायक, कहा - यह मेरा निजी मत 
नाणार परियोजना को लेकर बयान से पलटे शिवसेना विधायक, कहा - यह मेरा निजी मत 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना के रत्नागिरी के राजापुर सीट से विधायक राजन सालवी की कोंकण की नाणार ग्रीन रिफाइनरी परियोजना को लेकर जमकर फजीहत हुई है। बुधवार को सालवी ने पहले नाणार ग्रीन रिफाइनरी परियोजना लगाने के पक्ष में बयान दिया। फिर कुछ घंटे में पार्टी के दवाब के बाद सालवी अपने बयान से पलट गए। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मैंने स्थानीय जनता की भावनाओं के आधार पर अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त की थी लेकिन शिवसेना की भूमिका है कि ग्रीन रिफाइनरी परियोजना नहीं लगाई जाएगी। मैं विधायक होने के नाते पार्टी की भूमिका के साथ में हूं। मैं पार्टी की भूमिका से शत प्रतिशत सहमत हूं। मेरे लिए पार्टी का आदेश महत्वपूर्ण है। दरअसल, सालवी ने पहले कहा था कि कोंकण में रोजगार और नौकरियों नहीं हैं। इसलिए ग्रीन रिफाइनरी परियोजना लगाने की स्थानीय लोगों की मांग सामने आ रही है। स्थानीय लोग सहमत हुए तो रिफाइनरी परियोजना के बारे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उचित फैसला लेंगे। लेकिन परियोजना के लिए स्थानीय लोगों को पहल करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि कोंकण के जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना का भी लोगों ने पहले काफी विरोध किया था लेकिन अब 90 प्रतिशत स्थानीय लोगों ने जमीन का मुआवजा ले लिया है। इसलिए आशंका है कि परियोजना का काम आगे शुरू हो जाएगा। 

बदल गई है शिवसेना की भूमिकाः फडणवीस
इस पर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवसेना की भूमिका अब बदल गई है। ग्रीन रिफाइनरी परियोजना के लिए ग्रामवासी बड़े पैमाने पर जमीन देने के लिए तैयार थे केवल कुछ लोगों के विरोध के कारण शिवसेना ने परियोजना नहीं लगने दी। इससे महाराष्ट्र का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। परियोजना से लगभग ढाई साल करोड़ रुपए का निवेश और लाखों रोजगार पैदा होने वाला था। सरकार की तिजोरी में करोड़ रुपए आ सकते हैं।  इससे पहले पूर्व की भाजपा सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री फडणवीस ने कोंकण में ग्रीन रिफाइनरी परियोजना लगाने के लिए मंजूरी दी थी लेकिन परियोजना को लेकर सरकार में सहयोगी शिवसेना ने कड़ा विरोध जताया था। इसके बाद तत्कालीन उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण को रद्द करने का फैसला किया था।

Created On :   24 Dec 2020 3:43 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story