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भाजपा-सेना गठबंधन , विदर्भ में शिवसेना को राहत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। भाजपा व शिवसेना के बीच गठबंधन तय होने से विदर्भ में शिवसेना बड़ी राहत महसूस कर सकती है। विदर्भ में लोकसभा की 10 सीटों में से 4 सीटें शिवसेना के पास है। शिवसेना सांसदों को लग रहा था कि गठबंधन नहीं हो पाने की स्थिति में उन्हें परेशानी हो सकती है। यहां शिवसेना का संगठन कार्य मजबूत नहीं हो पाया है। भाजपा से गठबंधन कायम रखने की मांग करने वाले शिवसेना सांसदों में विदर्भ के पार्टी सांसद आगे थे। लिहाजा अब वे राहत महसूस करेंगे। उधर, अकेले बल पर चुनाव लड़ने की तैयारी के तहत भाजपा के नेताओं ने यहां की सभी सीटों पर लोकसभा व विधानसभा चुनाव की तैयारी की थी। जीत के दावे भी किये जा रहे थे। संभावित उम्मीदवारों के नाम भी सामने आने लगे थे। लिहाजा भाजपा के नेताओं में स्वाभाविक तौर पर इस निर्णय को लेकर शिवसेना जैसी खुशी नहीं होगी।
सूत्र के अनुसार, विदर्भ की सभी 10 लोकसभा सीटों के लिए पहले जैसी ही स्थिति पर दोनों दल सहमत हैं। यहां 4 सीटों पर शिवसेना ने चुनाव लड़ा था। चारों पर शिवसेना जीती। रामटेक, अमरावती, यवतमाल व बुलढाणा सीट पर शिवसेना का दावा कायम है। 2014 में ही भाजपा व शिवसेना ने अलग-अलग विधानसभा चुनाव लड़ा। विदर्भ में शिवसेना के नेतृत्व वाले चारों लोकसभा क्षेत्र की विधानसभा सीटाें पर भाजपा सबसे आगे रही। भाजपा शिवसेना को एक सीट अधिक देने को तैयार है। भाजपा के सूत्र के अनुसार, जो फार्मूला तय किया गया है उसमें विदर्भ की सीटों के लिए पहले जैसी ही साझेदारी रखने का विचार है। पश्चिम महाराष्ट्र की कुछ सीटों पर फेरबदल का विचार चल रहा है। राज्य में लोकसभा की 48 सीटें हैं। 2014 के चुनाव में भाजपा ने 26 व शिवसेना ने 22 सीटाें पर चुनाव लड़ा था। पश्चिम महाराष्ट्र की भिवंडी व पालघर सीट शिवसेना को देने का विचार किया जा रहा है। हालांकि इन दोनों सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार जीते हैं। 2014 में पालघर से शिवसेना के चिंतामण वनगा जीते थे। उनके निधन के बाद उनके पुत्र को भाजपा उम्मीदवार ने पराजित कर दिया।
Created On :   19 Feb 2019 6:15 AM GMT