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शिवसेना का भाजपा पर हमला, 33 करोड़ पौधारोपण योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार बदलते ही अब पुरानी योजनाओं के भ्रष्टाचार सामने आने शुरू हो गए। यह भ्रष्टाचार कोई और नहीं बल्कि, दोस्त से दुश्मन बने और सरकार में सहयोगी रहे शिवसेना ने खोलने शुरू कर दिए हैं। विधानपरिषद में शिवसेना नेता एड. अनिल परब ने नियम 260 का प्रस्ताव रखते हुए राज्य में 33 करोड़ पौधारोपण योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया। परब ने कहा कि विदर्भ सहित राज्य में पर्यावरण को खतरा निर्माण हुआ है। पिछली सरकार द्वारा 33 करोड़ पौधारोपण करने की योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने सरकार पर विदर्भ खासकर मिहान में रोजगार देने में विफल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने पिछले 5 साल में विदर्भ के लिए सिर्फ बड़ी-बड़ी घोषणाएं की है, लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी।
कई योजनाएं अधर में
विधानपरिषद में मंगलवार को विपक्ष द्वारा किसानों की कर्जमाफी को लेकर किए जा रहे हंगामे के बीच शिवसेना के वरिष्ठ सदस्य एड. अनिल परब ने नियम 260 अंतर्गत चर्चा का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव विदर्भ में विकास, रोजगार, अनुशेष आदि को लेकर था। चर्चा की शुरुआत करते हुए एड. परब ने कहा कि मिहान में डेढ़ लाख नौकरियां देने की योजना थी, लेकिन पांच साल में नौकरी व रोजगार का प्रमाण अत्यल्प रहा। मिहान प्रकल्प को गति देने की आवश्यकता है। जलयुक्त शिवार योजना से चुनिंदा किसानों के खेतों तक पानी पहुंचा है। इसलिए सिंचाई का अनुशेष भरकर निकालने की जरूरत है। विदर्भ के 134 सिंचाई प्रकल्पों को गति देने की जरूरत है। गोसीखुर्द प्रकल्प को 24 महीने में पूरा करने के लिए राज्य सरकार को निश्चित नीति बनाने और निधि आपूर्ति के लिए तत्काल कदम उठाने होंगे।
पतंजलि फूड पार्क ने बोरिया बिस्तर समेटा
एड. परब ने कहा कि मिहान में योगगुरु रामदेव बाबा के पतंजलि फूड पार्क ने अपना बोरिया बिस्तर समेट लिया है। इसकी वजह से स्थानीय कर्मचारियों पर बेरोजगारी की मार पड़ी है। फलत: हजारों कर्मचारियों के परिवार पर भूखे रहने की नौबत आयी है। उन्होंने विदर्भ के विकास पर निर्णय लेकर उपाय योजना करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।