- Home
- /
- शरद पवार पर श्रीहरि अणे का पलटवार,...
शरद पवार पर श्रीहरि अणे का पलटवार, कहा- अलग विदर्भ की मांग भाषा पर आधारित नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। NCP अध्यक्ष शरद पवार द्वारा एक इंटरव्यू में विदर्भ को लेकर दी गई प्रतिक्रिया पर पूर्व महाधिवक्ता श्रीहरि अणे ने पलटवार किया है। श्री अणे ने कहा है कि विदर्भ राज्य की मांग भाषा के बहस पर आधारित नहीं है। हमारी मांग सीधे विकास से जुड़ी है विदर्भ में सिर्फ हिंदी और मराठी भाषीय लोग ही नहीं, बल्कि बड़ी संख्या में मुस्लिम, बंगाली, छत्तीसगढ़ी, तेलुगु, गोंडी और मारवाड़ी भी रहते हैं। महाराष्ट्र में 1960 से 2014 तक रहे मुख्यमंत्री विदर्भ का विकास नहीं कर सके जैसा होना चाहिए। इसलिए आज विदर्भ की मांग फिर उठी है। श्री हरि अणे ने कहा कि अलग विदर्भ की मांग विकास को लेकर की जा रही है। जो समय के अनुसार जरूरी भी है। उन्होंने शरद पवार द्वारा दिए गए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की।
एक इंटरव्यू में शरद पवार ने कहा था मराठी भाषीय नहीं चाहते अलग विदर्भ
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने राकांपा प्रमुख शरद पवार का साक्षात्कार लिया। इस दौरान ठाकरे ने पवार से देश की मौजूदा राजनीति से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व स्वतंत्र विदर्भ तथा महाराष्ट्र पर केंद्रित कई सवाल किए। अलग विदर्भ को लेकर पवार ने कहा कि जिन जिलों से विदर्भ को अलग राज्य बनाने की मांग उठ रही है, वहां के मराठी मूल के लोग इसका समर्थन नहीं करते। वे अलग राज्य नहीं चाहते। बृहन महाराष्ट्र कॉमर्स कॉलेज के मैदान पर जागतिक मराठी अकादमी द्वारा आयोजित ‘शोध मराठी मनाचा’ कार्यक्रम में ठाकरे के सवाल व पवार के यह बात कही थी। इंटरव्यू में पवार ने कहा था कि पहले नागपुर, अकोला तक का हिस्सा मध्य भारत में आता था। उनकी प्रमुख भाषा हिंदी थी। नागपुर, चंद्रपुर, भंडारा, गोंदिया में अधिकतम हिंदी ही बोली जाती है। इन्हीं चार जिलों से प्रमुख रूप से स्वतंत्र विदर्भ की मांग की जा रही है। लेकिन इस मांग का नेतृत्व करनेवाला वर्ग मूलतया मराठी नहीं है। इन जिलों के मराठी भाषी लोग इस मांग का समर्थन नहीं करते। ज्ञात हो कि शहर पवार 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। श्रीहरि अणे ने जिन वर्षों में विदर्भ के पिछड़ने का उल्लेख किया है उस दौरान शरद पवार के हाथों में ही राज्य की डोर थी।
Created On :   22 Feb 2018 2:49 PM IST