शुक्ला ने पुलिस कर्मियों से कहा था ‘साहेब’ से होने वाली बात सुनो

Shukla had told the police personnel, listen to what is happening from saheb
शुक्ला ने पुलिस कर्मियों से कहा था ‘साहेब’ से होने वाली बात सुनो
नेताओं का फोन टैपिंग मामला   शुक्ला ने पुलिस कर्मियों से कहा था ‘साहेब’ से होने वाली बात सुनो

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के खुफिया विभाग की पूर्व प्रमुख रश्मि शुक्ला ने जिन पुलिसकर्मियों को शिवसेना सांसद संजय राऊत व एकनाथ खडसे के फोन टैप करने के लिए निर्देश दिए थे, उनसे कहा था कि वे फोन पर राऊत की “साहेब” से होनेवाली बातचीत को सुने। मुंबई पुलिस की ओर से अवैध फोन टैपिंग मामले को लेकर दायर किए गए आरोपपत्र में इस बात का खुलासा किया गया है। हालांकि आरोपपत्र में इस बात का उल्लेख नहीं है कि साहेब कौन है। शिवसेना के सूत्रों के मुताबिक शिवसेना कार्यकर्ता शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को  “साहेब”  कहकर संबोधित करते है। इसी तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता राकांपा प्रमुख शरद पवार को साहेब कहते हैं। कुलाबा पुलिस ने हाल ही में इस मामले को लेकर किला कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया है। आरोपपत्र के साथ पुलिस ने आधा दर्जन से अधिक उन लोगों के बयान को जोड़ा है जिन्होंने राज्य खुफिया विभाग की पूर्व मुखिया शुक्ला के निर्देश पर शिवसेना सांसद राऊत व राकांपा नेता खडसे के फोन टैपिंग के दौरान हुए संवाद को सुना है। फोन टैपिंग के दौरान हुए संवाद को सुननेवाले एक शख्स ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि जब शिवसेना नेता राऊत का फोन सर्वेलेंस पर था तो उन्होंने सहयाद्री अतिथि गृह, मातोश्री (मुख्यमंत्री का निजी आवास) व सिल्वर ओक (राकांपा प्रमुख पवार का घर) पर नेताओं के साथ बैठक को लेकर हुए संवाद को सुना था। 

दिल्ली जाकर राजनाथ सिंह से की थी शिकायत
आरोपपत्र के साथ पुलिस ने राकांपा नेता खडसे के बयान को भी जोड़ा है। जिसके तहत  खडसे ने कहा है कि 21 जून 2019 से 17 अगस्त 2019 के दौरान मेरे फोन की टैपिंग के साथ दो अन्य लोगों के भी फोन टैप किए गए थे। इसमें से एक उनके निजी सहायक लक्ष्मण मुंडे और दूसरे अशोक लाडवंजानी थे। खडसे ने अपने बयान में कहा है कि उन्हें लंबे समय से इस बात का शक था कि उनका फोन टैप किया जा रहा है। लेकिन मुझे पता नहीं था कि कौन मेरा फोन टैप कर रहा था। खडसे ने अपने बयान में कहा है कि मैंने अपने फोन के सर्वेलेंस पर होने की जानकारी तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व तब कि राज्य खुफिया विभाग की प्रमुख शुक्ला को भी दी थी। इस बारे में मैंने (खडसे) तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री राज्यनाथ से भी शिकायत की थी। 

 सात सौ पन्नों के आरोपपत्र के साथ पुलिस ने राज्य के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) संजय कुमार के बयान को भी जोड़ा गया है। श्री कुमार ने अपने बयान में कहा है कि मैंने साफ निर्देश दिए थे कि बिना किसी ठोस सबूत के किसी भी लोक प्रतिनिधि के फोन को टैप न किया जाए। यह निर्देश मैने खूफिया विभाग की पूर्व प्रमुख शुक्ला को भी दिए थे। इस विषय में होनेवाली समीक्षा बैठक में अपने निर्देशों को दोहराता था किंतु शुक्ला ने मुझे गुमराह किया है। आरोपपत्र मे कुलाबा पुलिस ने कहा है कि जब इस मामले को लेकर आईपीएस अधिकारी शुक्ला से पूछताछ की गई तो उन्होंने सवालों के अस्पष्ट जवाब दिए। यहीं नहीं शुक्ला से जब राऊत के फोन टैपिंग के कारण को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब में कहा था कि खुफिया विभाग के सूत्रों की सुरक्षा के लिए उनके नाम का खुलासा नहीं किया जा सकता है। शुक्ला के खिलाफ इस मामले को लेकर दो जगहों पर एफआईआर दर्ज है लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें दोनों मामले में कड़ी कार्रवाई से राहत दी है। शुक्ला फिलहाल हैदराबाद में प्रतिनियुक्ति पर हैं। 
 

Created On :   30 April 2022 6:42 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story