CBI अधिकारियों के बीच विवाद का साइड इफेक्ट, सैकड़ों मामले कोर्ट में लंबित 

Side effects of controversy among CBI officers - Hundreds of cases pending in court
CBI अधिकारियों के बीच विवाद का साइड इफेक्ट, सैकड़ों मामले कोर्ट में लंबित 
CBI अधिकारियों के बीच विवाद का साइड इफेक्ट, सैकड़ों मामले कोर्ट में लंबित 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच जारी कोल्ड वार का असर CBI की तरफ से कोर्ट में दायर मामलों पर भी पड़ रहा है। गवाहदारों को केस से संबंधित जानकारी देकर गवाही के लिए कानूनी रूप से तैयार करने का चुनौतीपूर्ण काम जिन पैरवी अधिकारियों पर है, वह पद पिछले दो महीने से खाली पडे़ हैं। CBI नागपुर विभाग में पैरवी अधिकारी के 5 पद हैं आैर सितंबर महीने से पांचों पद खाली पड़े हैं।

CBI भोपाल जोन के तहत रायपुर, जबलपुर और नागपुर विभाग आता है। नागपुर विभाग का कार्यक्षेत्र संपूर्ण विदर्भ और मराठवाड़ा के 4 जिलों तक फैला है। नागपुर विभाग में साल 2000 से अब तक के करीब सैंकड़ों मामले हैं, जो कोर्ट में चल रहे हैं। इनमें करोड़ों के काेयला घोटाले और बैंक द्वारा बांटे गए करोड़ों के फर्जी लोन के मामले शामिल हैं। भोपाल में 5, नागपुर में 5, जबलपुर में 4 व रायपुर में 3 पैरवी अधिकारियों के पद हैं। सितंबर 2018 से यहां कोई पैरवी अधिकारी नहीं है। पैरवी अधिकारी नहीं होने का सीधा असर इन मामलों पर प़ड़ रहा है। इनमें कुछ ऐसे मामले है, जो बोर्ड पर है आैर कोर्ट में सही गवाह नहीं पड़ने पर CBI को मुंह की खानी पड़ सकती है। 

अस्थाना लेने वाले थे इंटरव्यू
नागपुर, रायपुर, जबलपुर व भोपाल के लिए नियुक्त होने वाले पैरवी अधिकारियों के इंटरव्यू भोपाल जोन में होते है। स्पेशल डायरेक्टर की अगुवाई में CBI के ज्वाइंट डायरेक्टर व डीआईजी की टीम अधिकारियों का इंटरव्यू लेनेवाली थी। पैरवी अधिकारी के लिए कई रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों ने आवेदन तो कर दिए, लेकिन  डायरेक्टर व स्पेशल डायरेक्टर के बीच जारी कोल्ड वार के कारण पैरवी अधिकारियों की नियुक्ति पर CBI ध्यान ही नहीं दे पा रही है। 

अब हालात आैर गंभीर
सरकार ने CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को जबरन छुट्टी पर भेजने के बाद से CBI में अंदरुनी हालात आैर गंभीर हो गए है। CBI के अंतरिम डायरेक्टर बने नागेश्वर राव की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। ऐसा कहा जा सकता है कि CBI फिलहाल बगैर मुखिया के काम कर रहा है। पैरवी अधिकारियों के इंटरव्यू कब तक हो पाएंगे इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
 

Created On :   25 Oct 2018 10:03 PM IST

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