रेशम संचालनालय अपने 18 केेंद्र देगा निजी हाथों में

Silk Directorate will give eighteen centers in private hands
रेशम संचालनालय अपने 18 केेंद्र देगा निजी हाथों में
रेशम संचालनालय अपने 18 केेंद्र देगा निजी हाथों में

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेशम संचालनालय की संचालक भाग्यश्री बानायत ने विभाग के 18 रेशम केंद्र किराए पर निजी हाथों में देने की जानकारी दी और बताया कि आर्थिक उन्नति के लिए किसानों को दो साल में 40 करोड़ का अनुदान दिया गया है। रेशम संचालनालय में पत्रकारों से चर्चा के दौरान श्रीमती बानायत ने बताया कि कृषि पर आधारित रेशम उद्योग में रोजगार की काफी संभावनाएं हैं। ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की आर्थिक प्रगति में यह उद्योग अहम भूमिका निभाता है।

उन्होंने बताया कि अल्प भू-धारक (5 एकड़ तक खेती) को तीन साल में प्रति एकड़ खेती पर 2 लाख 92 हजार 465 रुपए का अनुदान दिया गया है। इस तरह 2 साल में किसानों को 40 करोड़ का अनुदान दिया गया है। मनरेगा की तरफ से अल्प भूधारक (किसान) को पहले साल 282 दिन व दूसरे व तीसरे दिन 200-200 दिन काम दिया जाता है। एक परिवार के अधिकतम 4 सदस्यों को काम दिया जा सकता है। एक दिन की मजदूरी 203 रुपए दी जाती है।

दो साल में किसानों को दिया 40 करोड़ का अनुदान
संचालनालय के नागपुर समेत राज्य में 25 जिला रेशम कार्यालय व 18 रेशम केंद्र हैं। कोष से धागा बनने के बाद किसान इसे मार्केट में व्यापारी को बेच देते हैं। रेशम की मार्केट में काफी मांग है। 18 रेशम केंद्र किराए पर निजी हाथों में दिए जाएंगे। किराए के रूप में विभाग को राजस्व प्राप्त होगा। इस साल से सिल्क समग्र योजना शुरू की गई है। राज्य का मौसम व भौगोलिक  स्थिति रेशम उद्योग के लिए अच्छा है। किसान कोष अपनी आर्थिक प्रगति कर सकता है।

उन्होंने बताया कि 15 दिसंबर को देशपांडे सभागृह में महा रेशम अभियान का आयोजन किया गया है। राज्य के सहकार मंत्री सुभाष देशमुख इसका उद्घाटन करेंगे। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले समेत कई विधायक व विभाग के सचिव अतुल पाटणे प्रमुखता से उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर रेशम संचालनालय के उपसंचालक अर्जुन गोरे, वरिष्ठ तकनीकी सहायक विजय रायसिंह उपस्थित थे। 

रेशम उद्योग का विकास
साल 2013-14 में 3720, 2014-15 में 5971, 2015-16 में 9866, 2016-17 में 8700 आैर 2017-18 में 10816 एक़ड़ में रेशम की फसल ली गई। साल दर साल रेशम की फसल लेने में वृद्धि हो रही है। 2017-18 में 9954 किसान इससे जुड़े। सरकार की आेर से किसानों को शेड व साहित्य अनुदान के तौर पर दिया जाता है। 
 

Created On :   11 Dec 2018 1:05 PM IST

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