चांदी से चांदी हो गई , एफडी से भी ज्यादा मुनाफा मिला

Silver turns to silver, FD gets more profit
चांदी से चांदी हो गई , एफडी से भी ज्यादा मुनाफा मिला
चांदी से चांदी हो गई , एफडी से भी ज्यादा मुनाफा मिला

डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  काेराेना काल के एक साल में चांदी ने दाेगुना मुनाफा दिया है, जबकि सरकारी एफडी मंे साढ़े 8 साल में राशि दाे गुना हाेती है। अगस्त 2020 में चांदी के दाम 81 हजार रुपए किलाे तक पहुंच गए थे, जबकि काेराेना काल में चांदी 38000 रुपए से बढ़कर 68 हजार रुपए तक पहुुंच गई। इस दौरान शेयर मार्केट में भी इतना मुनाफा नहीं मिला।

महाराष्ट्र स्वर्णकार संस्था के अध्यक्ष पुरुषोत्तम कावले का कहना है कि चांदी के भाव 18 मार्च 2020 काे केवल 37 हजार रुपए किलाे थे। इसके बाद 21 मार्च काे 38800 रुपए हुए। इसके बाद लाॅकडाउन लगा। मई तक बाजार खुले ताे निवेश चांदी की तरफ बढ़ गया। मई में चांदी 47 हजार रुपए क्राॅस कर गई। जून अंत मंे फिर दाम बढ़ने लगे अाैर 48000 रुपए क्राॅस कर गए। जुलाई मंे लगातार दाम बढ़े और अंत तक चांदी 62 हजार रुपए प्रतिकिलाे पहुंच गई। यानी एक महीने में 14 हजार की बढ़ाेतरी हुई। दिसंबर, जनवरी मंे चांदी के दाम 68 हजार रुपए तक रहे। फरवरी के अंत तक दाम 69 हजार रुपए तक पहुंच गए

यह रहे चांदी के दाम बढ़ने के कारण
-शेयर बाजार में अनिश्चितता होने से निवेशकों का रुझान सोने और चांदी की तरफ है।
-कोरोना से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न देशों में लाए गए राहत पैकेज से सोने और चांदी में निवेश बढ़ा -क्योंकि राहत पैकेज से महंगाई बढ़ने की आशंका बनी रहती है जिसके कारण निवेशकों का झुकाव सुरक्षित निवेश की तरफ जाता है।
केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में की गई कटौती से बुलियन के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ा है।
-महंगी धातुओं में तेजी की एक बड़ी वजह डॉलर में आई कमजोरी है। छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर इंडेक्स में लगातार कमजोरी बनी हुई है।
-मैक्सिको में कोरोना के बढ़ते प्रकोप से चांदी की आपूर्ति बाधित हुई है।
 

Created On :   31 March 2021 2:44 PM IST

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