हरफनमौला किशोर दा ने नागपुर बोर्ड से पास की थी दसवीं कक्षा

Singer Kishore Da passed 10th class from Nagpur Board of examination
हरफनमौला किशोर दा ने नागपुर बोर्ड से पास की थी दसवीं कक्षा
हरफनमौला किशोर दा ने नागपुर बोर्ड से पास की थी दसवीं कक्षा


‘कुछ रीत जगत की ऐसी है, हर एक सुबह की शाम हुई, 
तू कौन है, तेरा नाम है क्या? सीता भी यहां बदनाम हुई, 
फिर क्यूं संसार की बातों से, भीग गये तेरे नयना,
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना…’

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हरफनमौला ने न केवल इसे गाया, बल्कि इसके भावार्थ के अनुरूप जीवन बिताया भी। उस शख्स का नाम था आभास कुमार गांगुली। थर्ड क्लास में 10वीं पास होने की बदनामी को जगत की रीत समझकर पीछे छोड़ देने वाले खुशमिजाजी गायक आभास कुमार कोई और नहीं, बल्कि किशोर कुमार ही थे, जिन्होंने नागपुर बोर्ड से 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। दस्तावेज बताते हैं कि वे तृतीय श्रेणी में बड़ी मुश्किल से उत्तीर्ण हुए थे, लेकिन जब संगीत व हिन्दुस्तानी फिल्म जगत में कदम रखा तो उनकी गायकी व अभिनय का दुनिया ने लोहा मान लिया।

‘जिंदगी एक सफर है सुहाना’ गीत को गाने वाले किशोर दा ने 70 के दशक में धूम मचा दी थी। नागपुर बोर्ड के सफर की बात की जाए तो यह सफर शुरू हुआ था वर्ष 1922 में। तब सेंट्रल प्रोविंसेस एंड बेरार हाईस्कूल एजुकेशन एक्ट के तहत नागपुर में परीक्षा मंडल की स्थापना की गई थी। इस मंडल का नाम उस समय बोर्ड ऑफ हाईस्कूल एदकेशन सेंट्रल प्रोविंसेस एंड बेरार रखा गया था। वर्ष 1951 में एम.पी. एजुकेशन एक्ट पास हुआ तो इसे माध्यमिक हाईस्कूल मंडल का दर्जा मिला। उस दौर में इसे बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन मध्यप्रदेश भी कहा जाता था। 1956 में मध्यप्रदेश व विदर्भ 2 विभागों में विभाजित हुआ था।

इसके पूर्व अर्थात 1946 में ही मध्यप्रदेश के खंडवा निवासी किशोर कुमार ने नागपुर (बेरार) बोर्ड की परीक्षा दी थी। आज नागपुर बोर्ड के प्रमाणपत्र विभाग में वर्ष 1934 से अर्थात 84 वर्ष पुराने दस्तावेजों को संजोकर रखा गया है। इस अत्यंत जीर्ण दस्तावेजों के कमरों में आम नागरिकों को प्रवेश करने की इजाजत नहीं है। नागपुर बोर्ड का सफर आजादी के पूर्व से बदस्तूर जारी है। करोड़ों विद्यार्थियों के जीवन के सफर को सुहाना बनाने की परंपरा कायम है।

श्याम बैसवारे, रिकॉर्ड कीपर, महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षण मंडल ने बताया कि पूर्व में सीपी एंड बेरार बोर्ड हुआ करता था। मध्यप्रदेश व विदर्भ के लिए नागपुर शैक्षणिक केंद्र था। यहीं से परीक्षाएं व अन्य गतिविधियां संचालित होती थी। इसलिए गायक किशोर कुमार की मार्कशीट भी यहीं पर बनी होगी। हालांकि 20 वर्ष पूर्व जब मध्यप्रदेश के शिक्षा विभाग को पुराने दस्तावेजों की जरूरत पड़ी तो उन्हें वह दस्तावेज सौंप दिए गए हैं। नागपुर बोर्ड के प्रमाणपत्र विभाग में पुरातन दस्तावेजों का जतन किया जा रहा है। 1934 से अब तक के सारे दस्तावेज उपलब्ध है।

नागपुर हाईस्कूल बोर्ड की मैट्रिक की परीक्षा किशोर कुमार ने वर्ष 1946 में हिंदी मीडियम से दी थी। उस दौरान उनका रोल नंबर था-4197, इस परीक्षा के परिणाम 2 जुलाई 1946 को घोषित हुए। जिसमें 6 विषयों के कुल 800 में से 326 अंक उन्हें मिले थे। सामान्य ज्ञान के 25 अंकों में से 9 अंक, रसायन व भौतिकी शास्त्र के 150 में से 64 अंक, भूगोल व प्रारंभिक इतिहास के 150 में से 64 अंक, हिंदी के 150 में से 67 अंक, ड्राइंग के 150 में से 53 अंक एवं अंग्रेजी व अन्य एक विषय के 175 में से 69 अंक प्राप्त हुए थे। 

Created On :   5 Aug 2018 11:42 AM GMT

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