सिस्टर ने निभाईं भाईदूज की रस्में, छलक पड़े आंसू

Sister played the rituals of brotherhood, tears spilled
सिस्टर ने निभाईं भाईदूज की रस्में, छलक पड़े आंसू
सिस्टर ने निभाईं भाईदूज की रस्में, छलक पड़े आंसू

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेयो के कोविड वार्ड का नजारा भाईदूज पर थोड़ा बदला-बदला सा था। पीपीई किट पहनी सिस्टर, हाथ में तिलक की थाली लिए कोरोना मरीजों को टीका कर रही थीं। वार्ड में भर्ती मरीजों को एक बार तो यकीन ही नहीं हुआ। एक-एक कर सभी मरीजों को तिलक लगाकर सिस्टर ने भाई दूज की शुभकामनाएं दीं। यह देख कई मरीजों की आंखें छलक उठीं। महामारी के कारण मरीजों को जरा सा भी भरोसा नहीं था कि इस साल भाई दूज पर उन्हें कोई तिलक लगाएगा। अपनी बहन न सही, वार्ड की सिस्टर ने इस खुशी से उन्हें वंचित नहीं होने दिया। मेयो के सिस्टर की सराहनीय पहल से मरीजों के लिए भाई दूज का दिन खास बन गया। 

कोरोना में मिली नई बहन
एक मरीज ने बताया कि कोरोना महामारी के समय मुझे नई सिस्टर मिल गई है। वे पूरे समय हमारा ध्यान रखती है। हम तो उन्हें सिस्टर कहते हैं लेकिन आज सच में मुझे एक और बहन मिल गई। भाई दूज के पर्व पर ऐसा लग रहा था कि इस वर्ष बहन नहीं है तो कौन तिलक करेगा। लेकिन सिस्टर वार्ड में तिलक की थाली लेकर पहंुची तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पूरे वार्ड का माहौल ही बदल गया।

सुबह बहन से वीडियो कॉल पर हुई थी बात
एक मरीज ने बताया कि सुबह बहन से वीडियो कॉल पर बात हुई थी। तब उसे भी अफसोस हो रहा था कि इस वर्ष भाई का माथा सूना होगा। हमें इस बात का अंदाजा ही नहीं था कि सिस्टर इन सूने माथे पर तिलक करेंगी। जब सिस्टर तिलक लगाने आई तो आंखो में आंसू आ गए। फिलहाल तो मेरे  पास उसे देने के लिए कोई उपहार नहीं था, लेकिन मैंने उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। 

चेहरे खिल उठे
मरीजों को अच्छा नहीं लग रहा था। एक तरफ पूरे शहर में पर्व की हलचल है और वार्ड में मायूसी छाई थी। फिर हमने भाइयों को तिलक करने का मन बनाया। जैसे ही वार्ड में तिलक की थाली लेकर पहंुची, सभी के चेहरे खिल उठे। हमने मरीजों को तिलक लगाया। फिर जल्द से जल्द ठीक होकर घर जाने की कामना की। कोविड वार्ड में अचानक से खुशियां छा गईं। -नेहा खोब्रागड़े, सिस्टर

सुरक्षा का रखा गया ध्यान
भाई दूज के पर्व पर स्टाफ नर्स ने पूरी सुरक्षा के साथ मरीजों को तिलक किया। सिस्टर ने पीपीई किट पहनकर टीका लगाया। तिलक लगाते ही मरीजों के चेहरे पर रौनक लौट आई। कोविड वार्ड में भर्ती मरीज अपनी बहनों को मिस कर रहे थे। इसलिए हमने भाई दूज के पर्व का आयोजन किया। -मालती डोंगरे, अधीक्षक, नर्सिंग मेयो अस्पताल 

 

 

 

Created On :   17 Nov 2020 4:41 AM GMT

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