शासकीय उदासीनता से खटाई में पड़ा स्काईवॉक का काम 

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अमरावती शासकीय उदासीनता से खटाई में पड़ा स्काईवॉक का काम 

डिजिटल डेस्क,चिखलदरा (अमरावती)। विदर्भ विदर्भ के नंदनवन कहलाने वाली पर्यटन नगरी चिखलदरा में देश का पहला सबसे लंबा स्काईवॉक राज्य की देवेंद्र फडणवीस कार्यकाल में वर्ष 2018 में प्रस्तावित हुआ था। स्थानीय गोराघाट प्वाईंट से हरिकेन प्वाईंट के बीच लगभग 417 मीटर की लंबाई का यह प्रकल्प पिछले चार साल से अधूरा पड़ा है। इसके बावजूद राज्य शासन व संबंधित अधिकारियों द्वारा इस प्रकल्प को पूरा करने के लिए कोई कार्रवाई होती दिखाई नहीं दे रही है। जिससे इस पर्यटन नगरी के नागरिकों में तीव्र रोष व्याप्त है। 

जानकारी के मुताबिक राज्य में जब भाजपा की देवेंद्र फडणवीस सरकार थी तब वर्ष 2018 में पर्यटन नगरी चिखलदरा में देश का पहला सबसे लंबा स्काईवॉक प्रस्तावित हुआ। स्थानीय गोराघाट प्वाईंट से हरिकेन प्वाईंट के बीच लगभग 417 मीटर की लंबाई का यह प्रकल्प दो साल में पूर्ण करने का निर्णय लिया गया था। काम की शुरुआत भी बड़े ही जोरशेार से शुरू की गई। लेकिन सरकार बदलते ही वन विभाग के संबंधित अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निकाली गई त्रुटियों को पूरा करने में विलंब होता गया और काम ठप पड़ गया। पश्चात संबंधित अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की बैठक में इन त्रुटियों को पूर्ण कर इसी वर्ष जनवरी माह में स्काईवॉक का निर्माण कार्य शुरू करने हरि झंडी दी गई लेकिन फिर भी यह काम बंद पड़ा हुआ है। 

काम को शुभारंभ करने की अनुमति मिलने के बावजूद तीन माह बीत गए है। लेकिन अब तक इस प्रकल्प का काम दोबारा शुरू नहीं होने से स्थानीय नागरिकों में तीव्र रोष व्याप्त है। वर्ष 2018 में प्रस्तावित इस प्रकल्प पर 32.49 करोड़ रुपए खर्च अपेक्षित था। जिसका बजट विलंब से निर्माणाधीन होने से बढ़ने की आशंका है। इस प्रकल्प का लगभग 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है लेकिन अब 30 प्रतिशत काम ही पूर्ण न होने से पर्यटन नगरी के नागरिक राज्य सरकार की अडिअल नीति को कोस रहे है। 

सैलानियों के लिए रोमांचक रहेगा यह प्रकल्प
देश में पहली बार निर्मित चिखलदरा का स्काईवॉक प्रकल्प यहां आने वाले सैलानियों के लिए आकर्षक और रोमांच भरा रहेगा। गोराघाट प्वाईंट एवं हरिकेन प्वाईंट के बीच नीचे खाई और ऊपर आसमान के बीच कांच के स्काईवॉक से होकर गुजरना सैलानियों के लिए रोमांचकारी रहेगा। पर्यटन नगरी में स्काईवॉक का काम पूरा होने पर जिले के पर्यटन विकास को चालना मिलेगा तथा सैलानियों का आवागमन बढ़ेगा व स्थानीय नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर के साथ होटल व्यवसाय भी बढ़ेगा। इस कारण इस प्रकल्प को जल्द पूरा करने की मांग नागरिकों द्वारा की जाने लगी है।

Created On :   13 April 2022 2:55 PM IST

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