टोल प्लाजा पर स्लो फास्टैग ने बढ़ाया लोगों का सिरदर्द

Slow fast on the toll plaza increased peoples headache
टोल प्लाजा पर स्लो फास्टैग ने बढ़ाया लोगों का सिरदर्द
टोल प्लाजा पर स्लो फास्टैग ने बढ़ाया लोगों का सिरदर्द

डिजिटल डेस्क, नागपुर । फास्टैग व इसे लेकर बना स्लो सिस्टम लोगों के लिए सिरदर्द बन गया है।  उपराजधानी की सीमा पर मौजूद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के टोल प्लाजा पर खासी परेशानी हो रही है। वजह, केन्द्र सरकार ने 15 फरवरी  से देश के सभी टोल नाकों पर फास्टैग को अनिवार्य कर दिया है। 

उद्देश्य यह है
टोल नाकों पर वाहनों की लंबी लाइन और भीड़ से छुटकारा पाने के लिए इस नई व्यवस्था को लागू किया गया है, लेकिन टोल प्लाजा के कैशलेन पर अब भी वाहनों की कतारें देखी जा रही हैं। 

हंगामा इस कारण 
टोल प्लाजा पर तकनीकी विशेषज्ञों के अलावा मार्गदर्शन करने वाले स्टाफ नहीं होने से हंगामा हो रहा है। टोल कर्मचारी सीधे सरकारी अधिसूचना सामने रख दे रहे हैं। यहीं नहीं, ब्लैक लिस्ट होने से फास्टैग का इस्तेमाल नहीं कर पाने की चेतावनी भी दे रहे हैं। 

फिलहाल ऐसी है व्यवस्था
गत 15 दिसंबर से एनएचएआई के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग वाली इलेक्ट्रॉनिक पथकर संग्रह प्रणाली लागू की गई है। इसके तहत टोल प्लाजा की कम से कम 75 प्रतिशत लेन पर नकदी भुगतान पर रोक लगा दी गई है। टोल प्लाजा पर अधिकतम 25 प्रतिशत लेन पर ही नकद भुगतान की व्यवस्था जारी रहेगी। भंडारा रोड पर स्थित एनएच-53 पर भी तीन अलग-अलग कंपनियों के बिक्री केन्द्र बने हुए हैं। इनमें ग्राहकों को खासी सुविधा देने का दावा हो रहा है, लेकिन मुसीबत अब भी कम नहीं हो रही है।

फास्टैग में भी पोर्ट सुविधा 
वाहनधारक ग्राहक को दूसरे बैंक अथवा सर्विस प्रोवाइडर से फास्टैग को रिचार्ज कराने पर 2.5 फीसदी लोडिंग चार्ज देना पड़ता है। प्रति 1 हजार रुपए के रिचार्ज पर 25 रुपए अधिक का भुगतान करना होता है। हालांकि नागरिकों की सुविधा के लिए मोबाइल की तर्ज पर फास्टैग को पोर्ट करने की भी सुविधा दी गई है। फास्टैग होल्डर सर्विस में लापरवाही अथवा कोताही बरतने पर ग्राहक अन्य कंपनी में पोर्ट करा सकते हैं। पोर्ट करने के लिए फास्टैग को संबंधित बैंक अथवा एजेंसी को रिटर्न कर मनचाहे बैंक से लिया जा सकता है। इसमें कार नंबर पहले वाला ही रहता है। वाहनचालक को 3 माह तक इस्तेमाल करने पर खामी महसूस होने पर दोबारा से अन्य कंपनी में भी पोर्ट कर सकते हैं।

जानकारी ऐसी भी है
15 फरवरी से एनएएचआई के टोल प्लाजा पर नकद लेन-देन को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके तहत अब धीरे-धीरे सभी लेन को डेडिकेटेड फास्टैग लेन में बदला जाएगा। बगैर फास्टैग के वाहनचालक को दोगुना टोल रकम का भुगतान करना पड़ेगा। हालांकि केन्द्र सरकार ने अब भी देशभर के  65 चिह्नित टोल नाकों पर फास्टैग के नियमों में रियायत दी है। इस 65 टोल प्लाजा पर अब भी वाहनचालक नकदी भुगतान ही करते हैं। इन 65 टोल नाकों पर 25 प्रतिशत फास्टैग फीस वाले रास्तों को 30 दिन के लिए छूट दी गई है। ऐसे में हाइब्रिड या मिली-जुली लेन में फास्टैग भुगतान और नकद भुगतान करने दोनों ही तरह के वाहन जा सकते हैं।

केवाईसी के नाम पर ब्लैक लिस्ट  
टोल नाकों पर पेटीएम के अलावा एयरटेल और आईसीआईसी बैंक के फास्टैग की बिक्री हो रही है। प्रत्येक कंपनी ने 10 सहायकों को टीम के रूप में बिक्री में लगा रखा है। प्रत्येक सदस्य न्यूनतम 30 से 50 तक फास्टैग बिक्री कर रहे हैं। 150 रुपए, 500 रुपए और 800 रुपए मूल्य के फास्टैग पर 50 फीसदी का बैलेंस के साथ इन्श्योरेंस तक देने का दावा हो रहा है, लेकिन फास्टैग की खरीदी कर रिचार्ज करने के बाद 30 मिनट तक ग्राहक इस्तेमाल नहीं कर सकते है, तब तक टोल प्लाजा पर दोगुना टोल का भुगतान करना पड़ता है। 30 मिनट बाद रिचार्ज होने के बाद फास्टैग खाते में न्यूनतम 150 रुपए का बैंलेस होने पर ही एक मर्तबा इस्तेमाल हो पाता है, यानि ग्राहक को तत्काल दोबारा से रिचार्ज कराना ही पड़ रहा है। मुसीबत यहीं समाप्त नहीं होती है, संबंधित खाते और बैंक खाते का ग्राहक पहचान (केवाईसी) कराने की हिदायत दी जाती है। बगैर केवाईसी के टोल प्लाजा पर पहुंचने पर बैलेंस होने के बाद भी फास्टैग को ब्लैक लिस्टेड होने का मैसेज डिस्प्ले होता है। ऐसे में टोल कर्मचारी बगैर कोई सुनवाई के दोगुना टोल वसूल कर रहे हैं।

Created On :   18 Feb 2021 2:14 PM IST

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