रातों-रात छीन लिया पंछियों का ‘रैन बसेरा’

Snatched the night shelter of birds overnight
रातों-रात छीन लिया पंछियों का ‘रैन बसेरा’
बगैर अनुमति काट दिया हरा-भरा पेड़ रातों-रात छीन लिया पंछियों का ‘रैन बसेरा’

डिजिटल डेस्क, भंडारा। जंगल कटे, घर बने तो इन्सानों को आशियाना मिला। जैसे जैसे शहर बढ़ते गए, इमारतों के ढेर लगे और पशु पक्षियों से उनके अधिवास छीनते गए। यह बात आम है, क्योंकि पंछियों की बोली हम समझ नहीं सकते। किंतु बेवजह हमारा घर छीन लिया जाए तो हमारी भावनाएं कैसे आहत होगी यह भी सोचना जरूरी है। शहर के खात रोड स्थित म्हाडा कॉलनी में जहां हर रात सैकड़ों बगुले विश्राम करते थे वहीं आशियाना उनसे एक रात में छीन लिया गया। म्हाडा कॉलनी  के स्प्रिंग डेल स्कूल के 50 मीटर की दूरी पर खुली जगह में बबूल के साथ ही अन्य वृक्ष है। जहां पर सैकड़ों बगुले शाम होते ही आराम करने के लिए आते थे। पर 3 अपैल के पश्चात अचानक सुबह कुछ वृक्षों की कटाई की गई। जिसमें यहा पर निवास करने वाले सैंकड़ो बगुलों का आशियाना गायब हो गया।
 यह जगह सरकारी है या म्हाड़ा की? यहा पर खडे वृक्ष क्यो कांटे गए? क्या नगर परिषद से वृक्षों की कटाई करने अनुमति ली थी। अगर अनुमति नहीं ली तो इस तरह से वृक्षों की कटाई करने वाले पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई। ऐसे कई सवाल सामने आ रहे है। यही बात इन्सानों की हो तो तुरंत सभी ‘एक्शन’ में आ जाते है। बगुलों का अधिवास छिंदने पर चुप्पी क्यो?  ऐसे सवाल खड़े हो रहे है।

Created On :   7 April 2023 7:25 PM IST

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