समाज कल्याण उपायुक्त को फटकार, हाई कोर्ट ने 10 हजार कॉस्ट लगाई

Social Welfare Deputy Commissioner reprimanded, High Court imposed 10 thousand cost
समाज कल्याण उपायुक्त को फटकार, हाई कोर्ट ने 10 हजार कॉस्ट लगाई
नागपुर समाज कल्याण उपायुक्त को फटकार, हाई कोर्ट ने 10 हजार कॉस्ट लगाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने नागपुर विभाग के समाज कल्याण उपायुक्त सिद्धार्थ गायकवाड को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट का आदेश नहीं मानने के कारण गायकवाड़ पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट लगा कर यह रकम नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में वाचनालय के लिए देने का आदेश भी जारी किया। नाराज हाईकोर्ट ने यहां तक कहा कि गायकवाड़ को जेल भेजने पर उनका करियर खराब हो जाएगा। कोर्ट इसका लिहाज करके उन पर सिर्फ जुर्माना लगा रहा है। 

यह है मामला 
तिरपुड़े समाजकार्य महाविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारी मधुकर उईके को हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद वेतन अदा नहीं किया गया। इसी से नाराज हाईकोर्ट ने बीती 9 जून को गायकवाड़, सहायक आयुक्त बाबासाहब देशमुख, महाविद्यालय के प्राचार्य और युगांधर शिक्षा संस्था सचिव के खिलाफ 15,000 रुपए का जमानती वारंट जारी करके मंगलवार को स्वयं उपस्थित रहने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के वारंट के बाद कॉलेज ने तो याचिकाकर्ता का सभी बकाया अदा कर दिया, पदाधिकारी मंगलवार को हाईकोर्ट में हाजिर भी रहे। सहायक आयुक्त ने भी कोर्ट में हाजिर रह कर माफी मांग ली, जिसके चलते हाईकोर्ट ने उन्हें मामले से मुक्त कर दिया। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड.श्रीरंग भंडारकर और एड.सौरभ भेंडे ने पक्ष रखा। 

जरूरी बैठक है, बता कर लौट गए 
हाईकोर्ट ने गायकवाड़ को भी मंगलवार को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर रहने का आदेश दिया था, लेकिन वे सुनवाई में हाजिर ही नहीं हुए। उनकी ओर से सरकारी वकील ने बताया कि गायकवाड़ कोर्ट आए थे, लेकिन अनुसूचित जाति आयोग की अहम बैठक कारण वे वापस लौट गए। इस पर कोर्ट और अधिक नाराज हुआ। कोर्ट ने कहा कि जब गायकवाड़ को पहले ही वारंट जारी हो गया था, तब उन्हें अपना कार्यक्रम सोच-समझ कर तय करना था। हाईकोर्ट ने कहा कि इससे यही प्रतीत होता है कि वे जान-बूझ कर कोर्ट का सामना करने से बच रहे हैं। उनकी ओर से सरकारी वकील ने हाईकोर्ट से माफी मांगी। हाईकोर्ट ने दरियादिली दिखाते हुए कहा कि ऐसे बर्ताव पर गायकवाड़ गिरफ्तार किए जा सकते हैं, लेकिन ऐसा करने पर उनका करियर खराब होगा। यही सोच कर अदालत उन्हें सुधरने का एक और मौका देती है। हाईकोर्ट ने गायकवाड़ पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट लगा कर 4 जुलाई को उन्हें सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश दिया है। 
 

Created On :   22 Jun 2022 5:17 PM IST

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