कोरोना में बच्चों के सामने आई चुनौतियों से समाज चिंतित

Society worried about the challenges faced by children in Corona
कोरोना में बच्चों के सामने आई चुनौतियों से समाज चिंतित
MP कोरोना में बच्चों के सामने आई चुनौतियों से समाज चिंतित
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डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोरोना महामारी ने हर वर्ग को मुसीबतों के बीच लाकर खड़ा कर दिया है, बच्चों के सामने भी कई तरह की चुनौतियां है, इसको लेकर समाज चिंतित है। बच्चों की समस्याओं को लेकर आयोजित की गई कार्यशाला में हर किसी ने बच्चों के सामने आई चुनौतियों का जिक्र किया।

मध्य प्रदेश की राजधानी में बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था यूनीसेफ और चाइल्ड राइट्स आब्जर्वेटरी मध्यप्रदेश ने बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य के मुददे पर कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में चाइल्ड राइट आब्जर्वेटरी की अध्यक्ष निर्मला बुच ने कहा, कोविड के दौरान स्कूलों के बंद रहने के कारण बच्चे शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य की तरह तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। बच्चों से जुड़े मुद्दे ऐसे हैं जिनको प्राथमिकता में रखकर पहल करना जरुरी है। यह पहल समाज, सरकार, संस्थाओं और राजनीतिक दलों सब को मिलकर करना होगा।

इस कार्यशाला में समाज के प्रभावशाली व्यक्ति शामिल हुये जिनमें विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और प्रवक्ता भी थे। यूनीसेफ के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये अतिथियों का स्वागत किया ।

कार्यषाला में बैरसिया के विधायक विष्णु खत्री ने कहा कि सरकार बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा की चिन्ता कर रही है और इस समय सुरक्षा के लिए टीकाकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अगर कोविड से सुरक्षा बनी रहेगी तो शिक्षा अपने आप सुधरने लगेगी।

बाल संरक्षण आयोग मध्यप्रदेश के सदस्य ब्रजेश चैहान ने कहा कि आदिवासी समुदाय में बच्चे षिक्षा से दूर हो गये हैं, उन्हें स्कूल से जोड़ने के लिए सत्त निगरानी की जरूरत है। उनका सुझाव था कि छोटे-छोटे कोर्स जरूरी हैं और साथ ही स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर मोहल्ला कक्षाएं चलाना उपयोगी होगा, इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

भाजपा के प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने कहा कि कोविड के कारण प्रभावित हुई बच्चों की शिक्षा सरकार के समक्ष भी चुनौती है और इस दिशा में सतत प्रयास किये जा रहे हैं। उनका मत था कि बच्चों के मुद्दे बहुत संवेदनशील है, बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और खेल आदि की चुनौतियां हैं।

भाजपा की प्रवक्ता नेहा बग्गा ने कहा कि बच्चों की दिनचर्या कैसे सुधरे ? उनके सामान्य स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य की भी समस्या है। बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा में इंटरनेट से जुड़ने की समस्या व्यापक है इस ओर ध्यान देना जरूरी होगा।

कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने इस अवसर में कहा कि जो भी नीतियां बनाई जायें वह तथ्यों को सामने रखकर बनाई जायें तभी बेहतर नतीजे मिलेंगे।

 

आईएएनएस

Created On :   25 Aug 2021 11:00 PM IST

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