किसानों को उबारेगा सॉफ्टवेयर,फसल बर्बादी रोकेगी टेक्निक

Software to help farmers, technology will stop crop waste
किसानों को उबारेगा सॉफ्टवेयर,फसल बर्बादी रोकेगी टेक्निक
किसानों को उबारेगा सॉफ्टवेयर,फसल बर्बादी रोकेगी टेक्निक

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  किसी भी फसल की एक फोटो से किसानों को पता चल सकता है कि इस बार का उत्पादन कैसा होगा और मिट्टी में कैसी खामी है। यह समझ में आते ही वह समय रहते सतर्क हो जाएंगे और आवश्यक उपाय योजना कर फसलें बर्बाद होने से बचा सकेंगे। यह अति अाधुनिकतम तकनीक के बूते संभव होने जा रहा है। इसके लिए कृषि विभाग एक सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है। राजीव गांधी साइंस टेक्नॉलॉजी कमीशन, मुंबई (महाराष्ट्र सरकार की अधीन) ने प्री-प्रपोजल भेजने को कहा है। कृषि महाविद्यालय इसी की तैयारी में लगा है।  प्रस्ताव की लागत राशि 17 लाख रुपए है।

कृषि विभाग भेजने वाला है शीघ्र प्रस्ताव, कमीशन के सकारात्मक रूख से हौसला
फसलें हो जाती हैं बर्बाद : नागपुर जिले में धान से लेकर संतरे का उत्पादन होता है, मगर हर साल फसलें बर्बाद होती हैं। इस कारण किसान आत्महत्या जैसी घटनाएं सामने आती हैं। इस देखते हुए नागपुर के कृषि विभाग ने यह पहल की है। सॉफ्टवेयर के माध्यम से किसान मात्र फोटो की सहायता से जान सकेंगे कि अच्छी फसल के लिए उन्हें किन दवाओं का छिड़काव करना है और किस तरह की अन्य सतर्कता बरतनी है।  

मिट्‌टी जरूरत के अनुसार लेगी पानी 
उपरोक्त प्रोजेक्ट के तहत कई तकनीक पर काम किया जा रहा है। कई किसान खेती में पानी देने के लिए पंप का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कई छोटे गांव ऐसे हैं, जहां घंटों बिजली गुल रहती है। ऐसे में खेती को पानी देने की जरूरत पड़ने पर किसानों को संघर्ष करना पड़ता है। दिन में बिजली गुल रहने से कई किसानों को रात में खेत में पानी देने की नौबत आती है, लेकिन तब वन्यजीवों का खतरा रहता है। नई तकनीक ऐसी होगी कि कृषि अपने जरूरत के अनुसार खुद पानी ले सकेगी। पानी के पंप में सेंसर लगाकर मिट्‌टी से उसका तालमेल किया जाएगा। सूखते ही मिट्‌टी पानी की मांग करेगी और सेंसर पंप को शुरू कर देगा। सेंसर ही पंप बंद करने को इशारा करेगा। इससे काफी हद तक किसानों की परेशानी कम होगी।

काफी फायदेमंद साबित होगा
प्रस्ताव को लेकर कमीशन का रूख सकारात्मक है। जल्दी ही इन प्रोजेक्ट का प्री-प्रपोजल भेजा जाएगा। यह प्रस्ताव पूरी तरह खेती और किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।  -डॉ. अशोक मस्के, विभाग प्रमुख, अभियांत्रिकी विभाग कृषि महाविद्यालय  नागपुर


 

Created On :   4 Jan 2021 5:14 PM IST

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