जीवित पिता को मृत बताकर हड़प ली पूरी जायदाद ,दर दर भटक रहा वृद्ध 

Son seized property,removed father from home satna madhya pradesh
जीवित पिता को मृत बताकर हड़प ली पूरी जायदाद ,दर दर भटक रहा वृद्ध 
जीवित पिता को मृत बताकर हड़प ली पूरी जायदाद ,दर दर भटक रहा वृद्ध 

डिजिटल डेस्क,सतना। एक बेटे ने अपने बूढ़े जीवित पिता को मृत बताकर उसकी तमाम जायदाद अपने नाम करा ली और अब बूढ़ा पिता दर - दर की ठोकर खाकर न्याय के लिए फरियाद कर रहा है। बूढ़ा पिता कलयुगी बेटे की कारस्तानी से तंग आकर अधिकारियों के दफ्तर-दफ्तर घूमकर न्याय के जिए आवाज लगा रहा है कि साहब मैं जिंदा हूं।  इसके बावजूद राजस्व मोहकमें के कर्मचारी और अधिकारी ही नहीं पंचायत के सरपंच-सचिव तक उसे जीवित मानने के लिए तैयार नहीं हैं। दरअसल इन्हीं सब की मिली भगत से बूढ़े किसान की जमीन-जायदाद कूट रचना करके उनके सगे बेटे ने अपने नाम करवा ली तथा इस उम्र में उन्हें दर-दर भटकने के लिए मजबूर कर दिया। उन्हें अब यह लगता है कि जब वह शरीर से और अशक्त हो जाएंगे तो उन्हें पेट भर रोटी कौन देगा।  अपने बेटे पर ही उन्हें यह भरोसा नहीं कि उनका भरण-पोषण कर सकेगा।

यह है मामला
उचेहरा तहसील की इचौल पंचायत निवासी 70 वर्षीय भैया लाल के दो बेटे थे, जिनमें से बड़े बेटे दुलीचंद की असमय मौत हो चुकी है। दूसरा था  कमलेश उसने पंचायत सरपंच और सचिव को साधकर भैयालाल की पूरी जमीन जायदाद अपने नाम करवा ली। इतना ही नहीं इस कलयुगी बेटे ने जायदाद की लालच में जीवित पिता को कागजों में मरा बता दिया। भैयालाल का कहना है कि उनको जानकारी तब हुई, जब वह तहसील कार्यालय पहुंचे। अब अपने को जीवित साबित कर प्रापर्टी वापस दिलाए जाने की फरियाद करते दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। भैयालाल का आरोप है कि इस पूरे खेल में सरपंच पति रघुनंदन चौधरी के साथ सचिव तथा पटवारी वीरेन्द्र सिंह की मिली भगत है। 

वकील लगाने के लिए फीस कहां से ले आऊं
पीड़ित भैयालाल का कहना है कि उन्होंने अपनी ही जमीन वापस लेने के लिए जब फरियाद की और अपने साथ हुई जालसाजी का ब्यौरा दिया तो अधिकारियों ने कहा कि वकील के माध्यम से फाइल बनवाकर ले आओ तब सुनवाई होगी। इस मामले में धारा 250 के तहत प्रकरण 6 माह पहले कायम तो हुआ, किन्तु आज तक कोई नतीजा नहीं निकला। आराजी नंबर 121 का वारिसाना नाजायज तरीके से कराया जा चुका है। जिस आराजी की खतौनी निकलवाना है वह आराजी अब कमलेश पिता भैयालाल ममता बेवा दुलीचन्द्र, पवन, रोशनी, सुभा, पिंकी विकाश पिता दुलीचन्द्र के नाम राप्र क्र/0135/620/18-19 तहसीलदार उचेहरा के आदेश से स्वीकृत है।

इनका कहना है
इसके बारे में हमें कुछ नहीं मालूम है, जब तक फाइल नहीं देखेंगे तब तक कुछ नहीं कह सकते।- अजयराज सिंह,तहसीलदार उचेहरा
 

Created On :   18 April 2019 8:30 AM GMT

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