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सोनू सूद को हाईकोर्ट से मिली राहत, बीएमसी को कार्रवाई से रोका

डिजिटल डेस्क,मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने फिल्म अभिनेता सोनू सूद द्वारा रिहायशी इमारत में किए गए कथित अनधिकृत निर्माण को मिले संरक्षण को बरकरार रखा है। कोर्ट ने मुंबई महानगरपालिका को सूद के अनधिकृत निर्माण पर किसी तरह की कड़ी कार्रवाई करने से रोक दिया है। मुंबई मनपा ने पिछले दिनों सूद को जूहु स्थित इमारत के कमरों में किए गए ढांचागत बदलाव को लेकर नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के खिलाफ सूद ने सिटी सिविल कोर्ट में दावा दायर किया था लेकिन वहां से सूद को कोई राहत नहीं मिली थी। इसलिए सूद ने निचली अदालत के आदेश को अधिवक्ता डीपी सिंह व अमोघ सिंह के मार्फत हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
सोमवार को यह याचिका न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान मुंबई मनपा की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि हमने सूद को निर्माण के लिए मंजूर प्लान के विपरीत इमारत के कमरों में बदलाव करने व रिहायसी इमारत का इस्तेमाल बिना लाइसेंस के होटल के रुप में करने के लिए जारी किया है। यह नोटिस नियमों के तहत जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें अब तक इस मामले से जुड़ी याचिका हमें नहीं मिली है। इसलिए याचिकाकर्ता को किसी प्रकार की कोई राहत नहीं दी जाए। क्योंकि यह याचिका अंतरिम राहत समाप्ति के आखरी समय में की गई है।
सूद की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अमोघ सिंह ने कहा कि निचली अदालत का आदेश खामीपूर्ण है। मुंबई मनपा ने उनके मुवक्किल के पक्ष को सुने बिना ही आदेश जारी कर दिया है। जबकि कानून के तहत नोटिस जारी करनेवाले शख्स के पक्ष को सुन कर आदेश जारी किया जाना अनिवार्य किया गया है। निचली अदालत ने इस मामले में दिए गए अपने आदेश में तीन सप्ताह तक की रोक लगाई थी। इसलिए इस मामले में याचिकाकर्ता को अगली तारीख तक अंतरिम राहत प्रदान किया जाना जरुरी है। अन्यथा मनपा के अधिकारी कार्रवाई करने पहुंच जाएंगे। याचिकाकर्ता ने कोई भी अवैध निर्माण नहीं किया है। इस तरह से मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने सूद को निचली अदालत से मिली राहत को 13 जनवरी 2021 तक के लिए बढा दिया।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।