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मेट्रो के काम से नहीं बढ़ेगा ध्वनि का स्तर, शिकायत के लिए जारी होगा ई-मेल आईडी
- महानगर में औसत ध्वनि का स्तर 80 डेसीबल है।
- मेट्रो के निर्माण कार्य से यह स्तर नहीं बढ़ेगा।
- मेट्रो के निर्माण के चलते ध्वनि का यह स्तर नहीं बढ़ेगा।
- मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने बांबे हाईकोर्ट में दावा किया है कि मुंबई में पहले से ध्वनि का स्तर निर्धारित सीमा से काफी ज्यादा है।
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मेट्रो रेल कार्पोरेशन (MMRC) ने बांबे हाईकोर्ट में दावा किया है कि मुंबई में पहले से ध्वनि का स्तर निर्धारित सीमा से काफी ज्यादा है। मेट्रो के निर्माण कार्य से यह स्तर नहीं बढ़ेगा। नेशनल इनवारमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्युट (नीरी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए MMRC की ओर से पैरवी कर रहे राज्य के एडवोकेट जनरल आशतुोष कुंभकोणी ने कहा कि महानगर में औसत ध्वनि का स्तर 80 डेसीबल है। मेट्रो के निर्माण के चलते ध्वनि का यह स्तर नहीं बढ़ेगा।
रात के समय मेट्रो का निर्माण कार्य करने की मांग को लेकर रेल कार्पोरेशन की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस दौरान जस्टिस अभय ओक व जस्टिस रियाज छागला की बेंच के सामने राज्य के एडवोकेट जनरल ने दावा किया मेट्रो के काम से महानर के कफपरेड इलाके में ध्वनि का स्तर मौजूदा स्तर से ज्यादा नहीं बढेगा। उन्होंने दावा किया कि ध्वनि प्रदूषण से जुड़े नियम मेट्रों के काम पर लागू नहीं होगे। इस दौरान बेंच ने कहा कि यदि मेट्रों के काम से होनेवाले शोर से किसी को परेशानी होती है, तो वह किसके पास शिकायत करेगा?
इस पर राज्य के एडवोकेट जनरल ने कहा कि हमने शिकायत के लिए ई-मेल आईडी जारी करेंगे। जिसका व्यापक रुप से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इस पर बेंच ने कहा कि क्या ई-मेल मिलने पर तत्काल कार्रवाई होगी? जवाब में एडवोकेट जनरल ने कहा कि हम शिकायत के लिए और भी प्रभावी व्यवस्था बनाएंगे।
Created On :   2 July 2018 2:05 PM GMT