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राज्य सरकारों के विभागों का अब होगा स्पेशल आडिट, सात साल बाद अमल में आया प्रावधान

डिजिटल डेस्क,भोपाल। राज्य सरकारों के विभागों एवं कार्यालयों का अब स्पेशल आडिट कराया जायेगा। इसका प्रावधान वर्ष 2011 में आंतरिक लेखा परीक्षण मेनुअल में किया गया था परन्तु इस पर अमल अब किया गया है। इसके लिये वित्त विभाग के कोष एवं लेखा कार्यालय के अंतर्गत आंतरिक लेखा परीक्षण प्रकोष्ठ गठित कर दिया गया है। उक्त प्रकोष्ठ में 561 अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति की जायेगी। यह प्रकोष्ठ प्रदेश के विभागों एवं कार्यालयों में पदस्थ आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा किये गये संव्यवहारों की प्रचलित वित्तीय नियमों के परिपेक्ष्य में जांच करेगा। इस जांच के अंतर्गत लेखा अभिलेखों एवं इसके आनुषांगिक दस्तावेजों की विस्तृत जांच विशेषकर आईटी अंकेक्षण किया जायेगा।आंतकिरक लेखा परीक्षण के लिये प्रदेश के बजट नियंत्रण अधिकारी और आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को सकल बजट में आंवटित अंश के आधार पर उच्च, मध्यम व निम्न जोखिम श्रेणियों में वर्गीकृत किया जायेगा। उच्च जोखिम श्रेणी के कार्यालयों का आंतरिक लेखा परीक्षण प्रतिवर्ष, मध्यम जोखिम वाले कार्यालयों का दो वर्ष में एक बार तथा निम्न जोखिम वाले कार्यालयों का तीन वर्ष में एक बार आंतरिक लेखा परीक्षण किया जायेगा।
इनका कहना है
‘‘भारत सरकार के सीएजी से आडिट कराना संवैधानिक बाध्यता है लेकिन अब राज्य सरकार सीएजी के आडिट के पहले अपने विभागों और कार्यालयों का स्पेशल आडिट करायेगी जिससे वित्तीय संव्यवहारों का परीक्षण हो सके। इसके लिये आंतरिक लेखा परीक्षण प्रकोष्ठ गठित करने के आदेश जारी हुये हैं। इस प्रकोष्ठ के तहत 86 स्पेशल आडिट टीमें होंगी। - जेके शर्मा, अपर संचालक, कोष एवं लेखा संचालनालय, भोपाल
Created On :   17 Oct 2018 11:51 AM IST