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व्यापमं घोटाले में सॉल्वर को तीन साल की सजा- 7 हजार रुपए का अर्थदंड भी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । व्यापमं की विशेष न्यायालय ने व्यापमं द्वारा आयोजित पीएमटी-2013 की परीक्षा में सॉल्वर बनकर परीक्षा देने वाले हमीरपुर निवासी मुकेश राजपूत को 3 साल की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश एसएस परमार ने आरोपी पर 7 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। इस मामले में तीन आरोपियों को सागर की
जिला अदालत 12 अप्रैल 2017 को सजा सुना चुकी है।
सीबीआई की ओर से पेश आरोप-पत्र के अनुसार 7 जुलाई 2013 को व्यवसायिक परीक्षा मंडल भोपाल द्वारा शासकीय कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्ठ महाविद्यालय सागर में पीएमटी की परीक्षा आयोजित की गई थी। पीएमटी परीक्षा में उज्जैन निवासी शिवकुमार की जगह पर सॉल्वर बनकर हमीरपुर निवासी मुकेश राजपूत शामिल हुआ था। इसके साथ ही गौतम नगर निवासी यशपाल नागर की जगह पर सॉल्वर बनकर लखनऊ निवासी राकेश मौर्य ने परीक्षा दी थी। असली अभ्यर्थियों की जगह दोनों सॉल्वरों ने ओएमआर शीट और उपस्स्थिति पत्रक में भी फर्जी हस्ताक्षर किए थे। परीक्षा हॉल में शक के आधार पर दोनों सॉल्वरों को पकड़ लिया गया। उनकी निशानदेही पर असली अभर्थियों को गिरफ्तार किया गया।
सागर की जिला अदालत ने 12 अप्रैल 2017 को उज्जैन निवासी शिवकुमार, लखनऊ निवासी राकेश मौर्य और गौतम नगर निवासी यशपाल नागर को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी। मुकेश राजपूत के फरार होने की वजह से उसका प्रकरण लंबित था। विशेष लोक अभियोजक मुकेश मिश्रा ने तर्क दिया कि आरोपी मुकेश राजपूत ने सॉल्वर बनकर पीएमटी की परीक्षा दी थी। उसे परीक्षा देते समय हॉल में पकड़ा गया। ऐसे मामले में कठोर सजा दी जाना चाहिए। सुनवाई के बाद विशेष न्यायालय ने धारा 419 में 2 साल का कारावास और दो हजार रुपए अर्थदंड, धारा 468 में 3 साल का कारावास और दो हजार रुपए अर्थदंड, धारा 471 में 2 साल का कारावास और दो हजार रुपए अर्थदंड और मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम में 1 साल का कारावास और एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
Created On :   1 Dec 2018 8:17 AM GMT