लता दीदी का अमरावती व चंद्रपुर से विशेष संबंध

Special relation of Lata didi with Amravati and Chandrapur
लता दीदी का अमरावती व चंद्रपुर से विशेष संबंध
यादें लता दीदी का अमरावती व चंद्रपुर से विशेष संबंध

अमरावती/चंद्रपुर । लता मंगेशकर का अमरावती व चंद्रपुर से विशेष संबंध रहा है। अमरावती में उन्होंने अपने पिता दीनानाथ के साथ 8 माह गुजारे थे। वहीं वरोरा के आनंदवन की मदद के लिए वर्ष 1984 मुंबई में संगीत रजनी कार्यक्रम किया था। इसमें मुख्य रूप से लता दीदी ने प्रस्तुति दी थी। आजादी से पूर्व 1934 से लेकर 1938 के दौरान लता दीदी अपने पिता दीनानाथ की नाटक मंडली के साथ चार बार अमरावती आईं थीं और उन्होंने यहां अपने बचपन के जीवन के लगभग 8 माह गुजारे थे।

आज भी पुराने शहर का वह हिस्सा इंद्रभुवन थिएटर हुआ करता था तथा भाजीबाजार स्थित लक्ष्मीनारायण संस्थान द्वारा संचालित बालक मंदिर इस बात के गवाह हैं। जानकारी के अनुसार दीनानाथ अपनी बेटी लता मंगेशकर को लेकर वर्ष 1934 दिसंबर-जनवरी, 1935 के अक्टूबर-नवंबर, 1937 के दिसंबर-जनवरी तथा 1938 में नवंबर-दिसंबर के दौरान अमरावती लेकर आए थे। अपने नाटकों की व्यस्तता के कारण दीनानाथ अपनी मासूम बच्ची लता को पास के बालक मंदिर में छोड़ देते थे। इसी तरह प्रसिद्ध समाजसेवक बाबा आमटे ने कुष्ठरोगियों के लिए बसाए वरोरा के आनंदवन की मदद के लिए वर्ष 1984 मुंबई में संगीत रजनी कार्यक्रम हुआ था। इसमें मुख्य रूप से लता दीदी ने प्रस्तुति दी थी। उस समय मिले 34 लाख रुपए की राशि आनंदवन के विकास के कार्य के लिए दी गई थी। 

Created On :   7 Feb 2022 6:20 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story