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दैनिक भास्कर हिंदी: एसटी बसें : कबाड़ बसों में सफर करने को मजबूर नागरिक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एसटी बसों से सफर करने वाले यात्रियों को हर साल नई बसों की सुविधा तो मिल रही है, लेकिन राहत नसीब नहीं हो रही है। हर साल यात्रियों के आंकड़े बढ़ने के बाद भी परिवहन महामंडल के पास बसों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। इस कारण यात्री ज्यादा और बसें कम होते जा रही हैं। अधिकृत आंकड़ों के अनुसार प्रति वर्ष विभाग की 50 से 60 बसें भंगार हो जाती हैं। सालभर में इन 60 बसों की जगह पर नई बसें आने का दावा किया जाता है, लेकिन आंकड़ों को टटोलने पर 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 तक केवल 25 बसें ही नई मिल सकी है।
एसटी बस पर हजारों यात्री निर्भर
शहर से गांव हो या गांव से शहर एसटी बसों पर रोजाना हजारों यात्री निर्भर रहते हैं। महाराष्ट्र में रोजाना 17 हजार 500 बसें विभिन्न क्षेत्र की ओर दौड़ती हैं, जिसमें नागपुर विभाग के जिम्मे 579 बसों की जिम्मेदारी है, लेकिन वर्तमान स्थिति में कई बसें खराब अवस्था में पहुंच गई है। खिड़कियां टूटी होना, बारिश में बसों से पानी टपकना, कम रफ्तार से चलना, चलते वक्त आवाज करना आदि कई समस्याएं इन बसों में देखने को मिल जाएंगी। ऐसे में नई बसों की जरूरत हमेशा बनी रहती है, लेकिन आंकड़ों को देखें तो हर साल भंगार हो रही बस की तुलना में नई बसें बहुत कम मिल रही है। ऐसे में पुरानी बसों से काम चलाया जा रहा है।
बढ़ रहे यात्री, नहीं बढ़ रही बसें
एसटी बसों से नागपुर विभाग अंतर्गत प्रतिदिन 1,64,500 यात्री विविध बसों से विभिन्न क्षेत्र की ओर सफर करते हैं, लेकिन इनकी सुविधा के लिए प्रशासन के पास केवल 579 बसें है। ऐसे में बस नहीं मिलना, बस मिली तो जगह नहीं मिलना आदि समस्याओं से यात्रियों को जूझना पड़ता है। यही नहीं, सीजन व बारिश के समय इन बसों की संख्या यात्रियों के सामने काफी कम लगती है। गत पांच वर्ष पहले नागपुर विभाग में 572 बसें थी, वर्तमान में इसकी संख्या 579 तक ही पहुंच सकी है। हालांकि, यात्रियों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ी है।
कोई भी बस 12 साल पुरानी नहीं है
एसटी परिवहन महामंडल के विभाग नियंत्रक एस. पंचभाई के मुताबिक हर साल कितनी बसें भंगार होती है, इसका स्पष्ट आंकड़ा नहीं है, लेकिन जितनी बसें भंगार होती है, उसकी तुलना में नई बसें मिलती है। ऐसे में यात्रियों को किसी तरह की दिक्कतें नहीं होती है। नियमानुसार कोई भी बस 15 वर्ष तक चलाई जाती है। हमारे विभाग में कोई भी बस 12 वर्ष पुरानी भी नहीं है।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl