राज्य के पुलिस महानिदेशक के सेवा विस्तार को मिली हाईकोर्ट में चुनौती

State DGPs  service extension challenged in the High Court
राज्य के पुलिस महानिदेशक के सेवा विस्तार को मिली हाईकोर्ट में चुनौती
राज्य के पुलिस महानिदेशक के सेवा विस्तार को मिली हाईकोर्ट में चुनौती

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के पुलिस महानिदेशक दत्ता पडसलगिकर को दिए गए सेवा विस्तावर के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका पेशे से वकील आर.आर. त्रिपाठी ने दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि श्री पडसलगिकर को 30 नवंबर 2018 को दिया गया सेवा विस्तार फैसला पक्षपातपूर्ण है और यह आल इंडिया सर्विस से जुड़े नियमों का उल्लंघन करता है।

याचिका में दावा किया गया है कि यह पहला मौका नहीं है जब श्री पडसलगिकर को सेवा विस्तार दिया है। श्री पडसलगिकर पहले 31 अगस्त 2018 को सेवानिवृत्त होनेवाले थे लेकिन सरकार ने पहले उन्हें तीन महीने का सेवाविस्तार दिया जो 30 नवंबर को खत्म होनेवाला था। इसके बाद सरकार ने उन्हें दोबारा तीन महीने का सेवा विस्तार दिया है। यह सेवा विस्तार का निर्णय लेने से जुड़े लोगों के पद व अधिकार के दुरुपयोग को दर्शता है।

लिहाजा तीन महीने के सेवा विस्तार से जुड़े निर्णय को रद्द किया जाए और सेवा विस्तार के निर्णय के दौरान किए गए पक्षपात व अधिकारों के दुरुपयोग की हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराई जाए। याचिका में अंतरिम राहत के रुप में श्री पडसलगिकर के सेवाविस्तार से जुड़े निर्णय पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है। क्योंकि इस सेवा विस्तार से कोई जनहित नहीं जुड़ा है।

याचिका में कहा गया है कि यदि कोई अधिकारी बजट के कार्य से जुड़ा है अथवा किसी कमेटी का पूर्णकालिक सदस्य है जिसे कुछ समय में ही अपनी रिपोर्ट सौपनी हो तो ऐसी स्थिति में उसे तीन महीने का सेवा विस्तार दिया जा सकता है। लेकिन श्री पडसलगिकर के सेवाविस्तार को लेकर जारी किया गया आदेश अस्पष्ट है और नियमों के विपरीत है, इसलिए इसे निरस्त किया जाए।

 

Created On :   3 Dec 2018 12:55 PM GMT

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