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राज्य सरकार व उसके निकाय ई-फाइलिंग व्यवस्था का इस्तेमाल करे

डिजिटल डेस्क ,मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने पर्यावरण के मुद्दे को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हलफनामे की हार्डकापी(कागज) लेने से मना करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य सरकार व उसके निकाय ई-फाईलिंग व्यवस्था का इस्तेमाल करे। हाईकोर्ट में वन शक्ति नामक गैर सरकारी संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में मांग की गई है कि राज्य के विभिन्न विभागों के कब्जे में पड़ी 1500 हेक्टर मैंग्रोव जमीन वन विभाग को स्थानांतरित कर दिया जाए।
न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सिटी एंड इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन (सिडको) के वकील ने कहा कि वे इस मामले को लेकर हलफनामा दायर करना चाहते हैं। इस पर खंडपीठ ने हलफनामे के लिए कागज के इस्तेमाल पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि हम पर्यावरण से जुड़े मुद्दे की याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं। इसलिए हम हलफनामे की हार्डकापी नहीं लेगे। क्योंकि यह याचिका से मेल नहीं खाता है। खंडपीठ ने कहा कि याचिका का उद्देश्य वेटलैंड(आद्र जमीन) व वन को बचाना है। इसलिए याचिका पर सुनवाई के दौरान ज्यादा कागज का इस्तेमाल अपेक्षित नहीं है।
सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने ई-फाइलिंग व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य सरकार व उसके निकाय इस व्यस्था का इस्तेमाल करने की शुरुआत करे। क्योंकि पर्यावरण का सरंक्षण भी सरकार का उद्देश्य है लेकिन यह तभी होगा जब कागज रहित काम हो। खंडपीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय में ई-फाइलिंग की व्यवस्था है। इसलिए राज्य सरकार व उसकी एजेंसिया इस व्यवस्था का इस्तेमाल करने की शुरुआत करे। यदि हम कागज में हार्डकापी लेना जारी रखेगे तो हम कागज रहित काम के परिवेश की ओर कभी अग्रसर नहीं होंगे। खंडपीठ ने अब 13 सिंतबर को इस याचिका पर सुनवाई रखी है।
Created On :   12 Aug 2022 7:22 PM IST