अटके पड़े हैं  NIT के काम, NMC भी खड़े कर रही हाथ

State Government announces dismissal of NIT (Nagpur Improvement Trust)
अटके पड़े हैं  NIT के काम, NMC भी खड़े कर रही हाथ
अटके पड़े हैं  NIT के काम, NMC भी खड़े कर रही हाथ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। NIT के करीब 3 हजार ले आउट में रत्ती भर भी विकास कार्य नहीं हुए हैं। राज्य सरकार ने  NIT(नागपुर सुधार प्रन्यास) को 2017 में बर्खास्त करने की घोषणा की। इसके बाद  NIT के ले-आउट और संपत्ति-कर को मनपा में हस्तांतरित करना था, लेकिन एक साल से अधिक समय बीतने के बाद भी स्थिति वैसी ही बनी हुई है। विशेष बात यह है कि  NIT के करीब 3 हजार ले-आउट के विकास कार्य पर करीब 7 से 8 सौ करोड़ रुपए खर्च आएगा, इसलिए नागपुर महानगरपालिका उसमें कोई रुचि लेती नहीं दिखाई पड़ रही है। माना जा रहा है कि इसका एक कारण  NIT के पास सिर्फ 93 करोड़ रुपए होना भी हो सकता है।

इसलिए अटके हैं काम 
शहर में महानगरपालिका एवं नागपुर सुधार प्रन्यास ऐसी दो संस्थाएं काम करती हैं। दो संस्थाएं होने के कारण शहर के काई सारे काम अटके पड़े हुए हैं। वहीं दोनों की प्रक्रियाएं अलग-अलग होने से जनता ने  शहर में एक ही प्राधिकरण की मांग की थी, जिसे सरकार ने मान्य कर ली। इससे शहर की हद से बाहर के क्षेत्र,NIT को 31 दिसंबर 2017 को बर्खास्त करने का निर्णय लिया था। बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया अौर संपत्ति का हस्तांरण अभी तक नहीं किया गया। इस बीच, केन्द्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने दो दिन पहले ही कहा कि मनपा, नासुप्र के ले-आउट लेने की उत्सुक नहीं दिखाई पड़ रही है।

93 करोड़ के कारण कोई विचार नहीं
NIT के ले-आउट में मूलभूत सुविधाओं के अलावा कई सारे विकास कार्यों की कमी है। इनके विकास कार्यों पर 700 से 800 करोड़ रुपए का खर्च आएगा, जबकि नासुप्र के पास सिर्फ 93 करोड़ रुपए हैं, जो वह हमें देने के लिए तैयार है। इस परिस्थिति के कारण मनपा ने नासुप्र के ले-आउट हस्तांतरित करने के लिए फिलहाल कोई विचार नहीं किया है।
वीरेन्द्र कुकरेजा, सभापति, स्थायी समिति मनपा

Created On :   3 Jan 2019 11:08 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story