- Home
- /
- 77 हजार के बीमा के लिए किसानों को...
77 हजार के बीमा के लिए किसानों को देने होंगे 3850 रुपए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कम बारिश व बीच-बीच में होनेवाली बारिश से फल उत्पादक किसानों का भारी नुकसान होता है। सूखे की मार से बचाने के लिए राज्य सरकार ने संतरा व मोसंबी उत्पादक किसानों के लिए बीमा योजना की पहल की है। राज्य सरकार ने जीआर जारी कर बैंक से कर्ज लेनेवाले फल उत्पादक किसानों के लिए बीमा कराना अनिवार्य कर दिया, वहीं कर्ज नहीं लेनेवाले (नॉन लोनी) किसान बीमा करना है या नहीं इसका फैसला खुद करेंगे। 14 जून तक बीमा कराया जा सकता है।
फल उत्पादक किसानों के लिए जारी हुआ जीआर
अभी केवल संतरा व मोसंबी उत्पादक किसानों के लिए ही जीआर जारी हुआ है। एक हेक्टेयर (ढाई एकड़ जमीन) के लिए 3850 रुपए का प्रीमियम भरना होगा आैर इसमें बीमा कंपनी अधिकतम 77 हजार तक लाभ दे सकेंगी। संतरा व मोसंबी का उत्पादन वैसे तो पूरे जिले में होता है, लेकिन इसका ज्यादा उत्पादन काटोल व नरखेड़ तहसील में होता है। यह बीमा पुनर्रचित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत होगा। नुकसान होने पर किसान को आर्थिक संकट से बचाने के लिए सरकार कोशिश कर रही है। 14 जून तक यह बीमा कराया जा सकता है।
कर्ज लेनेवाले किसानों के लिए बीमा अनिवार्य
राज्य सरकार ने बैंक से कर्ज लेनेवाले किसानों के लिए बीमा कराना अनिवार्य कर दिया है। इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा किसानों का बीमा कराना है। नॉन लोनी किसानों के लिए यह अनिवार्यता लागू नहीं है। नुकसान होने पर बीमा कंपनी के प्रतिनिधि निरीक्षण करके मदद राशि तय करते हैं। जिला प्रशासन व कृषि विभाग के अधिकारी भी नुकसान ग्रस्त इलाकों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट सरकार के माध्यम से बीमा कंपनी को सौंपते है, लेकिन कितनी मदद दी जाए आैर किसे दी जाए इसका फैसला बीमा कंपनी ही करती है। पिछले साल संतरा व मोसंबी उत्पादक 1888 किसानों ने बीमा कराया था। जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी ने इस योजना का लाभ लेने की अपील की है।
सरकार के लिए अच्छा नहीं रहा अनुभव
पिछले साल केवल 1888 फल उत्पादक किसानों ने ही फसल का बीमा कराया था। जिले के आधा दर्जन से ज्यादा तहसीलों में संतरा व मोसंबी की बर्बादी हुई। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान काटोल व नरखेड़ में हुआ था। बीमा कंपनी से मदद नहीं मिली आैर किसानों ने सारा गुस्सा सरकार पर फो़ड़ा था। इस कटू अनुभव को देखते हुए सरकार ज्यादा से ज्यादा किसानों का बीमा कराना चाहती है। साथ ही बीमा कंपनी भी बदलने पर गंभीरता से विचार कर रही है। उचित सहयोग नहीं करनेवाली बीमा कंपनी को बाहर करने की चेतावनी पालकमंत्री पहले ही दे चुके हैं।
Created On :   14 May 2018 11:19 PM IST