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महाराष्ट्र: राज्य सरकार ने 94 एबीडीओ को प्रमोशन, नागपुर जिले से 10 शामिल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने 94 एबीडीओ को बीडीओ पद पर पदोन्नति दी है, जिसमें नागपुर जिले के 10 एबीडीओ का समावेश है। 30 मई को ग्राम विकास विभाग ने पदोन्नति के आदेश जारी किए। नरखेड़ पंचायत समिति के एबीडीओ को वर्धा जिले की हिंगनघाट पंचायत समिति के बीडीओ पद पर नियुक्ति की गई है। कलमेश्वर पंचायत समिति में कार्यरत संदी गोडशेलवार को चंद्रपुर जिले की वरोरा पंचायत समिति, भिवापुर पंचायत समिति में कार्यरत रोशन दुबे को वर्धा जिले की समुद्रपुर पंचायत समिति, विभागीय आयुक्त कार्यालय में कार्यरत देवानंद पानबुड़े को वर्धा जिले की सेलू पंचायत समिति, रोहयो नागपुर जिप में कार्यरत जी. एम. खोब्रागड़े को विभागीय आयुक्त कार्यालय में उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी, नागपुर पंचायत समिति में कार्यरत किशोर गज्जलवार को यवतमाल जिले की वणी पंचायत समिति, कुही पंचायत समिति में कार्यरत जयसिंह जलगाव को रामटेक पंचायत समिति, उमरेड पंचायत समिति में कार्यरत नितीश माने, मौदा पंचायत समिति में कार्यरत वी. के. झिंगरे, पारशिवनी पंचायत समिति में कार्यरत सुभाष जाधव को उसी पंचायत समिति में बीडीओ की कमान सौंपी गई है।
नागपुर जिले में आएंगे : चंद्रपुर जिले की वरोरा पंचायत समिति में कार्यरत संजय वानखेड़े नागपुर जिप में जलजीवन मिशन के प्रकल्प संचालक पद पर पदोन्नति दी गई। भंडारा जिले की साकोली पंचायत समिति में कार्यरत एन. वी. वानखेड़े को नरखेड़ पंचायत समिति बीडीओ की कमान दी गई है। नागपुर जिप में जलजीवन मिशन के प्रकल्प संचालक पद पर अनिल किटे कार्यरत है। फिलहाल उनकी नियुक्ति प्रतीक्षा में रखी गई है। एबीडीओ से बीडीओ पद पर पदोन्नति दिए गए सभी अधिकारियों को शासन स्तर पर कार्यमुक्त किया गया है। उन्हें अलग से कार्यमुक्त करने की आवश्यकता नहीं रहने का आदेश में स्पष्ट किया गया है। जिप में बीडीओ के पद रिक्त रहने से ग्रामीण विकास प्रभावित हो रहा है। विकासकार्यों को आगे बढ़ाने के लिए कास्ट्राइब जिप कर्मचारी संगठन जिलाध्यक्ष डॉ. सोहन चवरे ने 27 अप्रैल को सरकार को ज्ञापन भेजकर िरक्त पद भरने की मांग की थी। सरकार ने उनकी मांग का संज्ञान लेकर आदेश निर्गमित करने पर सरकार का आभार माना।
जिप में दिव्यांगों को 16 वर्ष से पदोन्नति नहीं : जिला परिषद में साल 2006 में दिव्यांग कर्मचारियों की भर्ती की गई थी। तत्कालीन सीईओ ईजेड खोब्रागड़े के कार्यकाल में भर्ती का विज्ञापन प्रकाशित कर अशंु सिन्हा के कार्यकाल में भर्ती हुई थी। 16 साल में एक भी कर्मचारी को पदोन्नति नहीं दिए जाने की जानकारी सामने आई है।
10 साल बाद स्थायी आदेश भी नहीं : आमतौर पर अस्थायी सेवा के 10 साल पूरे होने पर स्थायी आदेश दिया जाता है। 16 वर्ष से कार्यरत दिव्यांग कर्मचारियों को पदोन्नति तो नहीं मिली, नौकरी में स्थायी भी नहीं किया गया। जब से नौकरी में लिया गया है, तब से हर 11 महीने में अनुबंध कर आगे सेवा में रखा जा रहा है। उज्ज्वल सज्जनवार, दिलीप विरुलकर, शर्मिला शेवड़े, वंदना आलोने आदि कर्मचारी साल 2006 से लगातार जिप के विविध विभागों में सेवा दे रहे हैं। दिव्यांग अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी में स्थायी करने की मांग उत्तम शेवड़े ने जिला परिषद प्रशासन से की है।
भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के वूमेन डेवलपमेंट सेल द्वारा 5वां वूमेन एक्सिलेंस अवार्ड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अनुभा श्रीवास्तव (आईएएस), कमिश्नर, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट विभाग, मध्य प्रदेश , विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूबी खान, डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट आफ हेल्थ सर्विसेज, सुश्री रवीशा मर्चेंट, प्रिंसिपल डिजाइनर, ट्रीवेरा डिजाइंस, बट ब्रहम प्रकाश पेठिया कुलपति आरएनटीयू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, आरएनटीयू एंड डायरेक्टर, आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज ने की।
इस अवसर पर सुश्री अनुभा श्रीवास्तव ने महिलाओं को अपनी बात रखने एवं निर्णय क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया। महिलाओं को अपने व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार साझा किए। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहं रोल होता है। चाहे वो रोल हमारी मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है। लेकिन ऐसा काफी कम होता है जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करें। इसी तारतम्य में आरएनटीयू पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड से इन्हें सम्मानित कर रहा है।
डॉ रूबी खान ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें इसकी जानकारी दी। वहीं सुश्री रवीशा मर्चेंट ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त रहने एवं किसी भी परिस्थिति पर हार ना मानना एवं परिवार और काम में संतुलन बनाए रखने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ ब्रम्ह प्रकाश पेठिया ने देश की बढ़ती जीडीपी में महिलाओं का अहम योगदान माना। उन्होंने बताया कि जल थल एवं हवाई सीमा में भी विशेष योगदान महिलाएं दे रही हैं।
कार्यक्रम में रायसेन और भोपाल जिले की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ संगीता जौहरी, प्रति-कुलपति, आरएनटीयू ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की अधिष्ठाता एवं महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।
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