अस्थायी पेंशन देने की व्यवस्था करे राज्य सरकार

State government should arrange to give temporary pension
अस्थायी पेंशन देने की व्यवस्था करे राज्य सरकार
मांग अस्थायी पेंशन देने की व्यवस्था करे राज्य सरकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  उच्च न्यायालय की औरगंाबाद खंडपीठ ने राज्य सरकार को सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर तत्काल सेवानिवृत्ति वेतन (पेंशन) देने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति एस. वी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति दिघे के समक्ष सुनवाई के बाद आदेश दिया गया। पेंशन प्रलंबित होने को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई थीं। 

तकनीकी कारणों से लटकाया : सुनवाई में सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा गठित भुजबल समिति की रिपोर्ट को कैबिनेट में रखने तक सुनवाई में मोहलत दी जाए। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता शैलेश नारनवरे ने आक्षेप जताया। इतना ही नहीं, राज्य सरकार के निवेदन पर विरोध जताते हुए बताया कि मार्च माह से राज्य सरकार की ओर से अनेक तकनीकी कारणों का हवाला देकर मामले को लटका कर रखा गया है। ऐसे में याचिकाकर्ताओं को अस्थायी तौर पर पेंशन को तत्काल मुहैया कराने की मांग एड. नारनवरे ने की।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने कर्मचारियों को अस्थायी पेंशन देने की प्रक्रिया आरंभ करने का आदेश दिया है। इस मामले से संबंधित नागपुर और मुंबई खंडपीठ में दायर याचिकाओं को भी औरंगाबाद खंडपीठ में स्थानांतरित होने पर अब 7 फरवरी को अगली सुनवाई होगी। न्यायालय में याचिकाकर्ताओं की ओर से आॅर्गनाइजेशन फॉर राइट्स आॅफ ह्यूमन के अधिवक्ता शैलेश नारनवरे ने पक्ष रखा।

भुजबल समिति की रिपोर्ट का इंतजार
राज्य सरकार ने 21 दिसंबर 2019 को सरकारी सेवा और सेवानिवृत्ति से संबंधित लाभ का निर्धारण करने के लिए भुजबल समिति की नियुक्ति की है। राज्य सरकार ने भुजबल समिति का 30 सितंबर तक कार्यकाल बढ़ाया। बावजूद इसके समिति की रिपोर्ट को प्रस्तुत नहीं किया गया है। सेवा संबंधित लाभ, सेवा सुरक्षा, सेवानिवृत्ति से जुड़े लाभ को लेकर समिति अपनी रिपोर्ट देगी। समिति की रिपाेर्ट को अब तक राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष नहीं रखा गया है। ऐसे में पेंशन को प्रलंबित रखने से पूर्व कर्मचारियों को पेरशानी हो रही है।

Created On :   11 Dec 2021 6:00 PM IST

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