निजी अस्पतालों पर नकेल कसने राज्य सरकार बनाएगी कानून

State government will make strict laws for the private hospitals
निजी अस्पतालों पर नकेल कसने राज्य सरकार बनाएगी कानून
निजी अस्पतालों पर नकेल कसने राज्य सरकार बनाएगी कानून

डिजिटल डेस्क, मुंबई। निजी नर्सिंग होम व अस्पतालों के नियमन के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार के क्लिनिकल इस्टेब्लिसमेंट एक्ट की तर्ज पर सख्त कानून बनाने की प्रक्रिया में है। शुक्रवार को राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने बांबे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कानून का मसौदा हमने तैयार कर लिया है। जल्द ही इसमे जरुरी सुधार के बाद मसौदे को अंतिम रुप दिया जाएगा। कुछ डॉक्टरों व मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों ने कानून के मसौदे पर आपत्ति जताई है।

हाईकोर्ट को राज्य सरकार ने दी जानकारी
एक कमेटी उनके सुझावों व आपत्तियों पर गौर कर रही है। कमेटी तीन सप्ताह के भीतर कानून के मसौदे को अंतिम रुप प्रदान करेगी। इसके बाद इसे जल्द ही विधानमंडल में पेश किया जाएगा। हाईकोर्ट में राज्य भर में नियमों के विपरीत चल रहे नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पुणे के सामाजिक कार्यकर्ता अतुल भोसले की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। इस दौरान कुंभकोणी ने कहा कि नियमों का पालन न करनेवाले  तीन हजार नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसमे से कई नर्सिंग होम सील किए गए हैं। वहां पर कार्यरत डॉक्टर व स्टाफ को जेल में भेजा गया है।

कोर्ट ने मांगा नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई का ब्यौरा
इस पर जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस गिरीष कुलकर्णी की बेंच ने कहा कि वे हर नर्सिंग होम के खिलाफ की गई कार्रवाई का पूरा ब्यौरा दे, क्योंकि पिछले साल सरकारी अधिकारियों द्वारा नर्सिग होम के मुआयने के दौरान 6 हजार नर्सिंग होम को नियमों का उल्लंघन करते पाया था। बेंच ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य व जीवन से खिलवाड करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती है। इलाज को लेकर कोई समझौता संभव नहीं है। एक दुकान शुरु करने के लिए लोगों को कई परमिट व लाइसेंस लेने पड़ते हैं। इसलिए नर्सिंगहोम को लेकर भी गंभीरता दिखाई जाए और शेष तीन हजार नर्सिंग होम के खिलाफ भी शीघ्रता से कार्रवाई की जाए।  

Created On :   8 Jun 2018 6:32 PM IST

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