- Home
- /
- ताड़ोबा में सप्ताह भर में छह बाघों...
ताड़ोबा में सप्ताह भर में छह बाघों की मृत्यु से हड़कम्प

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। सरकार बाघों की सुरक्षा और संवर्धन के लिए प्रतिवर्ष कारोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन ताड़ोबा में लगातार हो रही बाघों की मौत ने चिंता बढ़ा दी है, जिससे कई सवाल निर्माण हो रहे हंै। पूरे विश्व में बाघों के लिए प्रसिद्ध ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में एक हफ्ते के भीतर छह बाघों की मौत हो गई। पहले दो बाघों की मौत हुई थी और प्रकल्प के सिंदेवाही तहसील के शिवणी बफर रेंज में शनिवार को बाघ के चार शावकों की मौत होने की घटना प्रकाश में आयी है। लगातार हो रही बाघों की मौत से ताड़ोबा के गश्त दल और वनविभाग के दल पर सवाल उठाये जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार 1 दिसंबर को कंपार्टमेंट क्रं. 265 में 3 से 4 महीने आयु के चार शावक पहली बार दिखाई दिए। यह स्थान गेट क्रं. 185 से 3 किमी दूरी पर है। वहां पर 30 नवंबर को सड़ी गली अवस्था में बाघिन (टी 75) का शव मिला था। उस समय आरएफओ शिवणी और पीआरटी के सदस्य कर्मचारी लगातार खोज दल शावकों पर नजर रखी थी। 3 दिसंबर की सुबह वनकर्मचारी शिवनी परिसर के कक्ष क्रं. 185 में गश्त लगा रहे थे कि टीम को बाघों के चार शावक (दो नर और दो मादा) मृतावस्था में मिले हैं। इसकी सूचना वनविभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दी।
मृत शावकों के शरीर पर जो घाव मिले मिले हैं उसके आधार पर वनविभाग का मानना है कि चारों बाघ को नर बाघ ने मारा है। इसी परिसर में 2 नर बाघ और एक अन्य मादा बाघिन होने से मृत शावकों के मां की पहचान नहीं हो सकी है। 1 दिसंबर को ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के मोहर्ली वनपरिक्षेत्र अंतर्गत आगरझरी के कक्ष क्रं. 189 में 6 से 7 महीने का मरा हुआ शावक (मादा) मिला था। इसके एक दिन पूर्व 30 नवंबर को सिंदेवाही तहसील के शिवनी वनपरिक्षेत्र के वासेरा नियत क्षेत्र से सटे राजस्व विभाग के गुट क्रं. 185 में बाघिन (टी 75) मृत मिली थी। यह चारों शावक इसी बाघिन होने का प्राथमिक अनुमान है किंतु यह शावक इसी बाघिन के है अथवा परिसर में दिखाई दे रही दूसरी बाघिन के यह डीएनए जांच के बाद सामने आएगा। सप्ताह भर के भीतर 6 बाघों की मौत से वनविभाग में हड़कंप मच गया है।
Created On :   4 Dec 2022 4:58 PM IST