पुलिस कर्मियों पर पथराव : आरोपियों को जमानत के लिए सीएम राहत कोष में जमा करनी पड़ेगी राशि    

Stones on policemen: Accused will have to deposit amount in CM Relief Fund for bail
पुलिस कर्मियों पर पथराव : आरोपियों को जमानत के लिए सीएम राहत कोष में जमा करनी पड़ेगी राशि    
पुलिस कर्मियों पर पथराव : आरोपियों को जमानत के लिए सीएम राहत कोष में जमा करनी पड़ेगी राशि    

डिजिटल डेस्क ,मुंबई । बॉम्बे हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान अपनी ड्यूटी निभा रहे पुलिस कर्मियों पर पथराव करने के मामले में चार आरोपियों को जमानत तो दे दी है लेकिन हर आरोपी को पांच-पांच हजार रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने का निर्देश दिया। चारों आरोपियों पर पुलिस कर्मियों पर उस समय गोवंडी के शिवाजी नगर इलाके में पथराव करने का आरोप है, जब वे गश्त कर लॉकडाउन से जुड़े नियमों के पालन किए जाने का जायजा ले रहे थे।  26 अप्रैल 2020 को इस घटना के दौरान पुलिस वालों पर पत्थर के साथ मास्क भी फेके गए थे। इस हमले में पुलिस की एक गाड़ी को काफी क्षति पहुंची थी। पुलिस ने इस प्रकरण में गौस मोहम्मद सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद चारों आरोपियों ने कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। 

न्यायमूर्ति भारती डागरे के सामने आरोपियों के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी वकील एच.जे.डेढ़िया ने कहा कि आरोपियों का कृत्य काफी गंभीर है। क्योंकि पुलिसकर्मी नागरिकों को कोरोना से बचाने के लिए अपनी ड्यूटी कर वहां से फेरीवालों को हटा रहे थे। तभी करीब 30 लोगों की भीड़ ने पथराव किया। वहीं आरोपियों के वकील ने कहा कि उनके दो मुवक्किल को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया है क्योंकि उनकी उम्र 22 से 25 साल है और वे घटनास्थलवाले इलाके में रहते हैं। उनकी पहचान परेड तक नहीं हुई हैं। अन्य दो आरोपियों के खिलाफ भी ठोस सबूत नहीं है।  मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने पूरी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि ऐसी घटनाओं की अनदेखी नहीं की जा सकती हैं। चूकि आरोपियों की शिनाख्त नहीं हुई है इसलिए उन्हें संदेह का लाभ दिया जाता हैं। मामले से जुड़े आरोपी एक माह से सलाखों के पीछे हैं। इसलिए इन्हें दस हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी जाती है पर चारों आरोपी पांच-पांच हजार रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करें। जिसका इस्तेमाल कोरोना से राहत के लिए उठाए जा रहे कदमों के लिए किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट की अनुमति के बिना आरोपी मुंबई छोड़ कर न जाए। सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करें। यदि पता बदले तो नए पते की जानकारी पुलिस स्टेशन को दें। 

Created On :   13 Jun 2020 12:36 PM GMT

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