सहकारी बैंकों की हड़ताल से बोनस के 13 करोड़ अटके, किसान खाद-बीज के लिए परेशान

strike in cooperative banks, Farmers still gropping in the dark
सहकारी बैंकों की हड़ताल से बोनस के 13 करोड़ अटके, किसान खाद-बीज के लिए परेशान
सहकारी बैंकों की हड़ताल से बोनस के 13 करोड़ अटके, किसान खाद-बीज के लिए परेशान

डिजिटल डेस्क शहडोल । किसान सम्मेलन में किसानों के खातों में आए गेहूं खरीदी बोनस के करीब 13 करोड़ रुपए बैंकों में अटक गए हैं। सोमवार से सहकारी बैंकों के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। किसान बैंकों के चक्कर लगाते रहे। हड़ताल की वजह से मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना के तहत होने वाली वसूली भी पूरी तरह से रुक गई, जबकि योजना के तहत किसानों से वसूली की अंतिम तिथि 15 जून है। 

बैंक में ताले, मुश्किल में किसान 
संभाग में सहकारी बैंकों की 20 शाखाएं हैं। सभी बैंकों के 70 से अधिक कर्मचारी 7 वें वेतनमान की मांग को लेकर सोमवार से हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों ने बैंकों में ताला डाल दिया है। इधर किसानों के अधिकतर काम अटक गए हैं। अपने खातों से जमा राशि नहीं निकाल सकते हैं। ऋण नहीं ले सकते हैं। वहीं बारिश होने के कारण बोनी का सीजन भी शुरू होने वाला है। हड़ताल की वजह से वे सहकारी समितियों से खाद-बीज भी नहीं ले सकते हैं। क्योंकि जब तक बैंक से डीडी परमिट नहीं मिलेगा सहकारी समितियां बीज निगम और विपणन संघ के गोदामों से खाद-बीज नहीं निकाल सकते हैं। सभी शाखाओं को मिलाकर 2 लाख 27 हजार खाता धारक किसान हैं। वहीं आम खातेधारक भी हैं। अमानतदारों की एफडी भी बंद हैं। कर्मचारियों का वेतन और छ पंचायतों का पैसा भी अटक गया है। 

पीडीएस दुकानों पर भी संकट 
अगर हड़ताल लंबी चली तो पीडीएस की दुकानों पर भी खाद्यान्न का संकट आ सकता है। सहकारी बैंकों से ही बैंक ड्राफ्ट नागरिक आपूर्ति निगम को जाता है। इसके बाद खाद्यान्न की आपूर्ति पीडीएस की दुकानों में की जाती है। जिला खाद्य नियंत्रक जेएल चौहान ने बताया कि फिलहाल तो संकट जैसी बात नहीं है, क्योंकि हम 15 तारीख तक की राशि जमा करा लेते हैं। लेकिन अगर हड़ताल लंबी खिंची तो जरूर दुकानों पर खाद्यान्न की दिक्कत आ सकती है। जिले में पीडीएस की 440 दुकानें हैं। 

बैंक के एटीएम नहीं 
जिला सहकारी बैंकों का कोई एटीएम नहीं है। खाताधारकों को एटीएम कार्ड भी नहीं बांटे गए हैं। पिछले दिनों कुछ लोगों के एटीएम आए थे, उन्हें बांट दिए गए हैं, लेकिन वे एक्टिवेट नहीं हैं। ऐसे में हर तरह का लेन-देन बैंक के काउंटर से ही होता है। एक ब्रांच में एक दिन में औसतन 50 लाख रुपए से ऊपर का लेन-देन होता है। संभाग के 90 फीसदी किसानों का खाता सहकारी बैंकों में ही है। अधिकतर किसानों का गेहूं की खरीदी का पैसा भी खातों में ही जमा है, किसान उसे भी नहीं निकाल पाए हैं।

 

Created On :   12 Jun 2018 8:50 AM GMT

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