प्रधानमंत्री मोदी की सीख पर स्टूडेंट और पैरेंट्स करने लगे मंथन

students and parents brainstorming about prime minister narendra modi learning
प्रधानमंत्री मोदी की सीख पर स्टूडेंट और पैरेंट्स करने लगे मंथन
प्रधानमंत्री मोदी की सीख पर स्टूडेंट और पैरेंट्स करने लगे मंथन

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  स्टूडेंट्स इन दिनों एग्जाम के टेंशन में हैं। पैरेंट्स भी बच्चों को पढ़ाई करने के लिए प्रेशर डाल रहे हैं। एग्जाम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार "परीक्षा पर चर्चा" कार्यक्रम में बच्चों की पढ़ाई और उनके सर्वांगीण विकास को लेकर कई अहम बातें बताईं। मोदी ने कहा कि आमतौर पर धारणा ऐसी है कि अगर विद्यार्थी खेलकूद में ध्यान देते हैं, तो पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते, यह गलत है। अपनी खुद की मेहनत से जो परिणाम प्राप्त होगा, उससे जो आत्मविश्वास बढ़ेगा, वो अद्भुत होगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने बच्चों के एग्जाम के लिए  पैरेंट्स को अन्य बातें भी बताईं। इसी विषय पर पैरेंट्स, टीचर्स और विद्यार्थियों से चर्चा की गई, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री की बातों को ध्यान में रखकर आगे बढ़ने की बात कही।

हर क्षेत्र के दिए उदाहरण

शिक्षिका आरती शुक्ला ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पर चर्चा में बहुत सारी जानकारियां दी हैं। हमने उनके द्वारा कही गई सभी बातों को सुना। उन्होंने हर क्षेत्र का उदाहरण देते हुए जो कहा, वो बहुत ही बढ़िया था। उन्होंने उदाहरण दिया कि मेरा आपसे आग्रह है कि खुद से स्पर्धा करें।  पहले क्या किया था, आगे कैसे करूंगा, अच्छा कैसे करूंगा.... बस, इस पर ध्यान केंद्रित करें।  खेल जगत में देखा होगा, क्योंकि उसमें तुरंत समझ आता है, इसलिए मैं खेल जगत का उदहारण देता हूं। जीवन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिस्पर्धा काम आती है।  जब मैं इसकी बात कहता हूं, तो उसका मतलब है, स्वयं से स्पर्धा करना। उन्होंने कहा कि सर्वांगीण विकास करना है, तो किताबों के बाहर भी एक जिंदगी होती है, वो बहुत विशाल होती है। उसको जीने का सीखने का यही समय होता है। मैं पैरेंट्स के साथ टीचर भी हूं, इसलिए मुझे उनके द्वारा कही गई बातों पर ज्यादा समझने की आवश्यकता है। ताकि मैं घर में अपने बच्चों को और स्कूल में स्टूडेंट्स को सही राह दिखा सकूं। 

घर का माहौल रहे हेल्दी

परिजन सोनिका तीर्थानी ने कहा,"एग्जाम के समय सबसे ज्यादा जरूरी है कि घर का माहौल हेल्दी रखें। मेरी बेटी दसवीं में है। हम उस पर पढ़ाई का ज्यादा प्रेशर नहीं देते हैं, उसे कहते हैं वो अपने हिसाब से पढ़ाई करे। न तो हमने उससे ज्यादा नंबर लाने की बात कही है और न ही टॉप करने की। बच्चे खुद अपने हिसाब से पढ़ाई कर लेते हैं, उन्हें ज्यादा टेंशन देने से उनके दिमाग पर बुरा असर पड़ सकता है। कई बार बहुत सारे केस सामने आए हैं इसलिए हम जोर नहीं देेते हैं। बच्चे कौन सी बात को दिमाग में डाल लें, इसका कोई भरोसा नहीं है।" 

बच्चों को मिली अच्छी सीख

स्टूडेंट सुष्मित शाहू ने कहा कि एग्जाम को बहुत टेंशन है। हमेशा मन में दूसरे से प्रतिस्पर्धा रहती है कि दूसरा कोई मुझसे आगे न निकल जाए, लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा जो परीक्षा पर चर्चा में बताया गया, वो सुनकर बहुत अच्छा लगा। केवल एग्जाम मे ज्यादा नंबर लाने वाला ही बेस्ट नहीं होता है। कई बार ऐसा भी देखा कि मार्कशीट में एवरेज नंबर ही है, लेकिन वो बच्चा दूसरी फील्ड में आगे है। आज हमें यह जानकार बहुत अच्छा लगा कि ज्यादा नंबर लाना ही जीवन का उद्देश्य नही है कि बल्कि ज्ञान होना जरूरी है। एग्जाम की टेंशन के चलते खेल कूद छोड़ दिया था, लेकिन अब पढ़ाई के साथ बाकी चीजों पर भी ध्यान देना होगा, ताकि अच्छी से पढ़ाई हो सके। 


 

Created On :   30 Jan 2019 9:59 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story