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"स्वाधार योजना' से वंचित स्टूडेंट्स, कर्ज लेकर चुका रहे हैं किराया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर स्वाधार योजना से कई विद्यार्थी पिछले दो वर्ष से वंचित होने की जानकारी सामने आई है। इस योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति और नवबौद्ध विद्यार्थियों को कक्षा 11वीं, 12वीं और 12वीं के बाद पाठ्यक्रम और व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को वसतिगृह में भोजन, निवास, शिक्षण सामग्री और निर्वाह भत्ते के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। कई छात्र पात्र होते हुए समाज कल्याण विभाग के शासकीय वसतिगृह में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं, जिससे उन्हें किराए के कमरे में रहना पड़ रहा है। सरकार की उदासीनता के कारण यह योजना बंद होने की कगार पर है।
वित्त विभाग ने मांग पर अब तक नहीं लगाई मुहर : इस बारे में जब आयुक्त से पूछा गया तो पिछले महीने कहा गया कि स्वाधार निधि की मांग वित्त विभाग को भेजी गई थी, लेकिन अभी भी वित्त विभाग ने मांग पर मुहर नहीं लगाई है। स्वाधार योजना के लाभार्थियों की स्थिति काफी खराब होने के कारण वर्ष 2019-20 में दूसरी किस्त व वर्ष 2020-21 में दोनों किस्त नहीं मिलने से कई छात्रों को कर्ज लेकर किराया, मेस और किताबों का खर्च चुकाना पड़ रहा है। योजना को लेकर विभाग ने पूरी तरह से अनदेखी कर दी है। जिसके चलते राज्य के छात्र पिछले 2 वर्ष से योजना के लाभ से अनुचित रूप से वंचित हैं।
पहली और दूसरी किस्त का नहीं हुआ भुगतान : आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019-20 में नागपुर संभाग में 2620 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 2029 आवेदनों को पात्र घोषित किया गया। पहली किस्त 2029 छात्रों को दी गई। दूसरी किस्त सिर्फ 931 छात्रों को मिली, जिसमें से 1098 छात्रों को वर्ष 2019-20 की दूसरी किस्त अभी तक नहीं दी गई है। वर्ष 2020-21 में नागपुर संभाग में प्राप्त 3000 आवेदनों में से 600 छात्र पात्र हुए थे। 600 छात्रों को अभी तक पहली और दूसरी किस्त का भुगतान नहीं किया गया है।
आंकड़ों पर एक नजर : 2018-19 में 21651 ,2019-20 में 17100 और 2020-21 में 14108 लाभार्थियों को स्वाधार योजना के लिए चयनित किया गया था, जिसमें 2019-20 में 17100 लाभार्थियों को योजना के अंतर्गत पहली किस्त दी गई, लेकिन दूसरी किस्त का कोई पता नहीं है। 2020-21 में योजना के अंतर्गत चयनित 14108 लाभार्थियों को न तो पहली और न ही दूसरी किस्त दी गई है।
जब लाभ नहीं देना, तो योजना क्यों बनाई : स्वाधार योजना के अंतर्गत बहुत सारे छात्र आर्थिक लाभ से वंचित रह गए हैं। सरकार इन योजनाओं के प्रति उदासीनता बरत रही है। जिसके चलते कई छात्र कर्ज के बोझ तले दब गए हैं। जब सरकार को योजना का लाभ नहीं देना तो योजना बनाते क्यों हैं। पात्रता होने के बाद भी छात्र लाभ से वंिचत हैं, जो चिंता का विषय है। - आशीष फुलझेले, सदस्य, मानव अधिकार संरक्षण मंच
Created On :   27 July 2021 4:15 PM IST