स्पर्धा परीक्षा से छात्रों के सपने होते हैं साकार : पाटील

Students dreams come true through competitive exams: Patil
स्पर्धा परीक्षा से छात्रों के सपने होते हैं साकार : पाटील
अभिनव उपक्रम की शुरुआत स्पर्धा परीक्षा से छात्रों के सपने होते हैं साकार : पाटील

डिजिटल डेस्क, दर्यापुर(अमरावती)। स्पर्धा परीक्षा आत्मसम्मान का एक साधन है जो छात्रों के सपने को साकार करता है। इस आशय के विचार प्रमुख वक्ता डॉ. एस.के. पाटील ने व्यक्त किए। वह रामतीर्थ स्थित शिवाजी हाईस्कूल व कनिष्ठ महाविद्यालय में स्पर्धा परीक्षा मार्गदर्शन उपक्रम के उद्घाटन में बोल रहे थे। शिवाजी शिक्षण संस्था के कार्यकारिणी सदस्य तथा रामतीर्थ शाला के व्यवस्थापक समिति अध्यक्ष हेमंत कालमेघ द्वारा रखी गई संकल्पना को प्रत्यक्ष कृति द्वारा पूरा किया जा रहा है। सरपंच प्रियंका मोटे ने इस उपक्रम को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। स्कूली शिक्षा को स्पर्धा परीक्षा अध्ययन का साथ देने के लिए इस उपक्रम का शुभारंभ शिवाजी हाईस्कूल में किया गया। इस अवसर पर गाड़गेबाबा मंडल के अध्यक्ष प्रा. गजानन भारसाकले ने उपक्रम के लिए सहायता के तौर पर 6 हजार रुपए की किताबें मुख्याध्यापक एस.आर. वासनिक को सौंपी। कार्यक्रम में डॉ. पाटील व स्कूल के लिपिक संतोष सावले ने भी आर्थिक सहायता घोषणा की। कार्यक्रम में प्रा. कल्याणी गावंडे द्वारा कम्प्यूटर पर डिजाइन किए उपक्रम की आकर्षक सूचना ने सभी का ध्यान खींचा।

विद्यार्थियों को चयन परीक्षा द्वारा इस उपक्रम में नि:शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। संपूर्ण नियोजन की जिम्मेदारी अकोला के शिवाजी शिक्षण संस्था बाभुलगांव के अभियांत्रिकी व तकनीकी महाविद्यालय की टीम ने स्वीकारी है। कार्यक्रम में प्राचार्य एस.आर.वासनिक, प्राचर्य डॉ. प्रशांत थोरात, राजेश ठाेसर, किशोर पाटील, राजेश गवाले, कविता काले, प्रा. दिनेश श्रीराव, संतोष सावले, अशोक घाटे, प्रा.डाॅ. अमित गावंडे, आदित्य देशमुख मौजूद थे। 

लाभ दिलाने सर्वे करेंगे
घरकुल सूची में जो पात्र लाभार्थी है, उनके नाम सूची में शामिल किए गए हैं। यदि कोई लाभार्थी वंचित रह गए होंगे तो सर्वे कर उन्हें भी लाभ दिया जाएगा। किसी भी लाभार्थियों को घरकुल से वंचित नहीं रखा जाएगा। यह प्रशासन का प्रयास है। - दिनेश टोले, ग्रामविकास अधिकारी

आंदोलन के बगैर विकल्प नहीं
पिछले सालभर से घरकुल के लिए गांव वाले प्रशासन से मांग कर रहे है। घरकुल सूची में केवल करीबी लोगों को दिया जा रहा है। जिन्हें सही मायने में घरकुल की आवश्यकता है, उन्हें घरकुल की सूची से हटा दिया। पंचायत समिति में कईबार बताने पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए अब आंदोलन के बगैर कोई विकल्प नहीं है।  - प्रभाकर चोरपगार, समाजसेवी

 

Created On :   29 March 2022 9:37 AM

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