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डिजिटल लाइब्रेरी से घर बैठे पढ़ाई कर सकेंगे स्टूडेंट्स

डिजिटल डेस्क, मुंबई । कोरोनाकाल में प्रदेश के स्कूली विद्यार्थी घर बैठे डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से ऑफलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड के स्कूली विद्यार्थियों के लिए दीप फाउंडेशन की ओर से डिजिटल पोर्टल-एनरिच बुक डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की जा रही है। जिस पर स्टेट बोर्ड की कक्षा पहली से बारहवीं तक के पाठ्यक्रमों की किताबें उपलब्ध होंगी। सोमवार को दीप फाउंडेशन (डिजिटल एजुकेशन इम्पावरमेंट प्रोग्राम) के संस्थापक अध्यक्ष तथा भारत सरकार के ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड के सलाहकार संदीप गुंड ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में यह जानकारी दी। गुंड ने बताया कि डिजिटल पोर्टल पर मराठी, अंग्रेजी और सेमी-अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों के लिए किताबें मिल सकेंगी। हर पाठ के साथ अलग-अलग वीडियो भी जुड़े होंगे। उन्होंने कहा कि डिजिटल पोर्टल का डोमेन नाम अभी तय नहीं हुआ है लेकिन जून महीने के पहले सप्ताह तक यह शुरू हो जाएगा। गुंड ने कहा कि इंटरनेट कनेक्टिविटी के अभाव में एनरिच बुक डिजिटल लाइब्रेरी की ऑफलाइन सेवा विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित होगी।
ऐसे काम करेगी एनरिच बुक डिजिटल लाइब्रेरी
गुंड ने कहा, ‘डिजिटल पोर्टल पर जाकर विद्यार्थियों को अपनी कक्षा का चुनाव करना होगा। फिर अपने पाठ्यक्रम की किताबों पर क्लिक करना होगा। इसके बाद वे किताबों के हर पाठ को अलग-अलग डाउनलोड कर सकेंगे। उन्हें पूरी किताबों को एक साथ डाउनलोड करने की जरूरत नहीं होगी।’ उन्होंने कहा कि राज्य में नया शैक्षणिक वर्ष सितंबर महीने से शुरू होने की संभावना है। इसलिए पोर्टल पर छात्रों को बताया जाएगा कि उन्हें हर महीने कितना पाठ्यक्रम पढ़ना है। पाठ डाउनलोड करने के लिए पीडीएफ और जेपीजी समेत दूसरे फॉर्मेट में उपलब्ध कराए जाएंगे। इनका स्क्रीन शॉट भी लिया जा सकेगा। फॉरवर्ड करने की सुविधा भी मिल सकेगी। गुंड ने कहा कि हमने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को पोर्टल का उपयोग करने का आग्रह किया है लेकिन विभागीय अधिकारी चाहते हैं कि इसे केंद्र सरकार के दीक्षा पोर्टल के साथ जोड़ा जाए लेकिन इतने कम समय में यह संभव नहीं है।
ऑनलाइन शिक्षा के लिए एक प्लेटफॉर्म की जरूरत
गुंड ने कहा कि राज्य में स्कूली विद्यार्थियों के लिए अभी कोई एक प्लेटफॉर्म नहीं है। इस कारण राज्य स्तर, जिला और तहसील स्तर पर शिक्षा अधिकारी अपने-अपने तरीके से ऑनलाइन पढ़ाई के बारे में मार्गदर्शन कर रहे हैं। इससे शिक्षक और अभिभावकों में असमंजस पैदा हो रहा है। इसलिए मैंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से ऑनलाइन पढ़ाई के लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार करने की मांग की है। इससे पता चल सकेगा कि किस जिले में हर दिन कितने शिक्षक कितने विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं।
इंटरनेट कनेक्टिविटी की शिकायतें
गुंड ने कहा कि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कई वेबसाइट शुरू की गई हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी अच्छी नहीं होने की शिकायतें मिल रही हैं। कई अभिभावक बच्चों के हाथ में मोबाइल देने से हिचकते हैं तो ग्रामीण इलाकों के कई विद्यार्थी टेक्नोसेवी नहीं होते हैं। जिसके चलते संबंधित वेबसाइट पर विद्यार्थियों को यह सामग्री खोज पाना बहुत मुश्किल है इसलिए यह सुविधा काफी कारगर साबित होगी।
Created On :   19 May 2020 10:59 AM IST