हो गया सफल ट्रायल रन, वजनी बोरियां लाद 90 की रफ्तार से दौड़ी नागपुर मैट्रो 

Successful trial run : Nagpur Metro was run on speed of 90 KM per hour
हो गया सफल ट्रायल रन, वजनी बोरियां लाद 90 की रफ्तार से दौड़ी नागपुर मैट्रो 
हो गया सफल ट्रायल रन, वजनी बोरियां लाद 90 की रफ्तार से दौड़ी नागपुर मैट्रो 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन रविवार को हुआ  है। इस दौरान हाउसफुल स्थिति में 90 की रफ्तार से पहली बार मेट्रो को दौड़ाया गया। मेट्रो का यह ट्रायल सफल रहा। इस दौरान बोगियों में भारी भरकम वजन की बोरियां रखीं गई थी, ताकि पता चल सके मैट्रो सही तरीके से दौड़ पाएगी या नहीं, इसकी जांच की गई। ऐसे में करीब 2500 रेत की बोरियां बोगियों में भरकर मेट्रो को 90 की रफ्तार पर खापरी से एअरपोर्ट साउथ के बीच दौड़ाया गया। इस मौके पर रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन के अधिकारी और मेट्रो के महा निदेशक बृजेश कुमार दीक्षित मौजूद थे। यह इस रूट की अंतिम परीक्षा थी। इसके बाद सीआरएस ( कमिश्नर ऑफ रेल सेफ्टी) की टीम जांच कर रूट को हरी झंडी देगी। हालांकि प्रक्रिया के अनुसार अभी 4 दिन और परीक्षण होगा। जिसके बाद रिपोर्ट  रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी। 

रेलवे से खास होगी मेट्रो
मेट्रो के महा निदेशक बृजेश दीक्षित ने कहा कि रेलवे की तुलना में मेट्रो बेहतर साबित होगी। सुविधा और सुरक्षा दोनो मिलेगी। इसका मुख्य कारण यह है, कि रेलवे को पायलेट चलाता है, जिससे गलती हो सकती है। लेकिन मेट्रो ऑटो मोड पर खुद-ब-खुद चलेगी। जिससे गलती की गुंजाइश नहीं होगी। उन्होंने बताया कि मेट्रो ऑटोमेटीक मोड पर खुद ही चलनेवाली है। तेज आंधी-तूफाने में भी ओएचई को कोई नुकसान नहीं होगा। जब्कि कई बार रेलवे की ओएचई टूट जाती है। मेट्रो में लगनेवाले ओएचई पोर्टेल पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। साथ ही इसी पर बड़ी-लाइट भी होगी।

चारों दिशाओँ में 38 किलोमीटर तक पटरी
उल्लेखनीय है कि उपराजधानी में तेजी से मेट्रो का विकास हो रहा है। शहर के बीचों-बीच मुख्य स्टेशन बनते हुए चारों दिशा में मेट्रो की 38 किलोमीटर की पटरी बनाई जा रही है। जिसमें काफी हद तक मेट्रो मार्ग सड़क के बीचों-बीच 25 फीट उंचाई पर बन रहे हैं। मेट्रो का किराया भी कम रहने से आनेवाले समय में मेट्रो हर किसी के लिए जरूरी साबित होनेवाली है। लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी का अहम हिस्सा बनने के लिए इसमें तेजी की जरूरत है। ऐसे में 90 किमी तक गाड़ी को चलाना जरूरी था। फिलहाल टेस्टिंग में मेट्रो को 25 किमी तक चलने की अनुमति सीआरएस ने दी थी। ऐसे में इसे रफ्तार पर चलाने की कवायदें चल रही थीं। इसके लिए मेट्रो मार्ग को उसी तरह बनाया जा रहा है। पिछले 15 दिनों से लगातार पटरियों में सुधार किया गया है। सिग्नल से लेकर सारे तकनीकी संसाधनों को फीट किया  गया है। इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि मेट्रो ट्रैक 90 की रफ्तार पर दौड़ने के लिए उपयुक्त है। जिसकी परीक्षा भी हो चुकी है।

रेत से भरी थी बोरियां
रविवार को परीक्षा की मेट्रो प्रशासन ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी। हालांकि इतने यात्रियों को बैठाकर टेस्टिंग का नियम नहीं है। ऐसे में यात्रियों की जगह वजनदार बोरियां बनाई गई। ढ़ाई हजार बोरियां तैयार की गई। जिसे कोच में भरा गया। रविवार सुबह महा निदेशक की उपस्थिति में एअरपोर्ट साउथ से खापरी स्टेशन तक मेट्रो चलाई गई। आरडीएसओ की टीम भी मौजूद थी। जिसने गाड़ी की नब्ज टटोली। सफलतापूर्ण तरीके से मेट्रो सफर होने पर 90 की रफ्तार से दौड़ने की अनुमति मिल जाएगी। इसके बाद केवल सीआरएस की टीम इसका निरीक्षण करते हुए अंतिम सहमति देगी। खापरी डिपो, साउथ एअरपोर्ट, एअरपोर्ट साउथ आदि स्टेशनों की जांच करते हुए आरडीएसओ मेट्रो के काम पर संतोष जता चुकी है। ऐसे में मेट्रो 90 की टेस्टिंग पर सफल रहेगी इसके कयास लगाए जा रहे थे। इससे यात्रियों के समय में खासी बचत होगी।

Created On :   30 Sep 2018 9:03 AM GMT

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