ऐसी भी समाजसेवा : दुर्घटना से ली सीख, गड्ढों को भरना जीवन का लक्ष्य

Such social service: Lessons learned from accident, goal of life to fill the pits
ऐसी भी समाजसेवा : दुर्घटना से ली सीख, गड्ढों को भरना जीवन का लक्ष्य
ऐसी भी समाजसेवा : दुर्घटना से ली सीख, गड्ढों को भरना जीवन का लक्ष्य

डिजिटल डेस्क, नागपुर। समाज में कभी-कभी देखा जाता है कि किसी घटना-दुर्घटना से यदि कोई व्यक्ति प्रभावित या दु:खी होता है, तो उस घटना का उसके जीवन पर इतना गहरा असर पड़ता है कि वह किसी दूसरे को इस तरह की घटना से दु:खी नहीं देखना चाहता और इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसके लिए वह एक मिशन के रूप में काम करने लगता है। कुछ ऐसा ही कर रहे हैं शहर के कोराड़ी रोड स्थित ओम नगर निवासी नईम खान ‘भारतीय’। नईम का कहना है कि 2016 में गड्ढे की वजह से वे गिर कर बुरी तरह जख्मी हो गए थे। उसके बाद से उन्होंने ठान लिया कि शहर के गड्ढों को भरेंगे, ताकि कोई इस तरह की दुर्घटना का शिकार न हो। समाज में लोगों की नि:स्वार्थ भाव से मदद करते हुए नईम खान स्वयं के खर्चे से अब तक करीब 1100 गड्ढे भर चुके हैं। 

गड्ढा देखते ही उसे भर देते हैं
नईम ने बताया कि 2016 की घटना वे नहीं भूल सकते। अंजुमन कॉलेज के पास से घर जा रहे थे। गड्ढे में पानी था, उन्हें समझ नहीं आया और गड्ढे में गाड़ी जाने से वे सड़क पर गिरकर बुरी तरह जख्मी हो गए। कुछ लोगों की मदद से वे उठे और हिम्मत करके साइड में पड़े हुए झाड़ गड्ढे के चारों ओर रख दिए, ताकि किसी और व्यक्ति के साथ दुर्घटना न हो। उसके बाद उन्होंने ठान लिया कि जहां पर भी गड्ढे दिखेंगे उसे वे भरेंगे। गड्ढे भरने का काम तड़के सुबह और शाम को करते हैं। यहां तक कि रास्ता गुजरते वक्त भी कहीं गड्ढा दिखता है, तो वहां पर मलबा और सामान लेकर जाते हैं और उसे भर देते हैं।

लोगों ने नहीं की मदद
नईम ने बताया कि झिंगाबाई टाकली के पास एक अपार्टमेंट के सामने बहुत बड़ा गड्ढा था। उस गड्ढे से बड़ा हादसा हो सकता है। उस समय उनके पास गड्ढा भरने का सामान नहीं था। वहीं एक अपार्टमेंट का काम चल रहा था। उन्होंने वहां के लोगों से मदद मांगी कि थोड़ा मलबा दे दो, ताकि गड्ढा भर दूं, लेकिन लोगों ने मदद करने से इनकार कर दिया। इससे उन्हें दु:ख हुआ। उन्होंने बाद में वहां मलबा और सामान लाकर गड्ढा भर दिया।

हमें भारतीय होने पर गर्व है
मुझे भारतीय होने पर गर्व है, इसलिए अपने नाम के साथ नईम खान ‘भारतीय’ लगाता हूं। समाज में हर व्यक्ति को एक-दूसरे की मदद के लिए तैयार रहना चाहिए। बारिश के दिनों में अधिक गड्ढे देखने को मिलते हैं। इससे कई लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। मेरी गाड़ी में हमेशा मलबा और सामान रहता है। जहां पर भी इस तरह की अव्यवस्था नजर आती है, खुद ही गड्ढे भर देता हंू। वैसे यह काम संबंधित विभाग का है, लेकिन हमें भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। नईम खान ‘भारतीय’, ओम नगर, कोराड़ी रोड
 

Created On :   7 Aug 2021 3:19 PM IST

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