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प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र 15 अक्टूबर से होगा शुरू

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में इस साल गन्ना पेराई सत्र की शुरुआत 15 अक्टूबर से होगी। यह पेराई सत्र लगभग 160 दिनों का होगा। गन्ना पेराई में 10.25 प्रतिशत की मूल रिकवरी होने पर किसानों को प्रति मीट्रिक टन 3050 रुपए उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) दिया जाएगा। सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में आयोजित मंत्री समिति की बैठक में गन्ना पेराई सत्र शुरू करने के बारे में फैसला लिया गया। बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील, कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार, विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे। राज्य में इस साल गन्ना पैदावार क्षेत्र बढ़ा है। इसके चलते चीनी उत्पादन में विश्व भर में महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। इस बैठक में राज्य से चीनी निर्यात के लिए पिछले साल की ओपन जनरल लाइसेंस नीति को कामय रखने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजने का निर्णय लिया गया।
138 लाख टन चीनी उत्पादन होगा
इस सत्र में गन्ने का पेराई क्षेत्र 14 लाख 87 हजार हेक्टेयर बढ़ा है। औसतन प्रति हेक्टेयर में 95 टन गन्ना उत्पादन का अनुमान है। इस पेराई सत्र में 203 चीनी कारखाने शुरू होंगे। इस बार 138 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। पिछले गन्ना पेराई सत्र में 200 चीनी कारखानों में पेराई की गई थी। बीते वर्ष किसानों को 42 हजार 650 करोड़ रुपए एफआरपी भुगतान किया गया था। देश भर में महाराष्ट्र सबसे अधिक 98 प्रतिशत एफआरपी किसानों को अदा किया है। महाराष्ट्र में पिछले पेराई सत्र में 137.36 लाख मीट्रिक टन चीनी उत्पादन हुआ था। इससे महाराष्ट्र ने उत्तर प्रदेश को पछाड़ दिया था।
फिलहाल 60 लाख मीट्रिक टन चीनी का भंडार
देश में फिलहाल 60 लाख मीट्रिक टन चीनी का भंडारण है। इसमें महाराष्ट्र के 30 लाख मीट्रिक टन शक्कर का समावेश है। इस साल भारत से 100 लाख मीट्रिक टन चीनी भारत से निर्यात होने का अनुमान है। जिसमें महाराष्ट्र की 60 लाख मीट्रिक टन चीनी शामिल होगी। वहीं देश के इथेनॉल उत्पादन में महाराष्ट्र का हिस्सा 35 प्रतिशत है। अगले साल 325 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पादन किया जाएगा।
Created On :   19 Sept 2022 6:58 PM IST