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अपने गांव जा सकेंगे लॉकडाउन में फंसे गन्ना कटाई मजदूर

डिजिटल डेस्क,मुंबई। प्रदेश के चीनी मिलों में काम करने वाले गन्ना कटाई मजदूर अब अपने गांव में जा सकेंगे। शुक्रवार को प्रदेश सरकार की ओर से इस संबंध में आदेश दिया गया है। राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे ने यह जानकारी दी। मुंडे ने कहा कि चीनी मिलों के प्रबंध निदेशकों को अपने यहां केआश्रय स्थलों में 14 दिनों से अधिक समय तक रहने वाले गन्ना मजदूरों की जानकारी जिला प्रशासन और संबंधित ग्राम पंचायत को देनी होगी।
चीनी मिल प्रशासन की अनुमति से गन्ना मजदूर स्वास्थ्य जांच कराने के बाद अपने गांव जा सकेंगे। प्रदेश में इस साल गन्ने की पेराई मार्च-अप्रैल महीने तक शुरू होने के कारण लगभग 38 चीनी मिलों में लगभग 1 लाख 31 हजार 500 गन्ना मजदूर काम करते रह गए। इस बीच कोरोना संकट पैदा हो गया। लॉकडाउन के दौरान चीनी मिलों द्वारा गन्ना मजदूरों के रहने और भोजन की व्यवस्था की गई थी लेकिन राज्य सहकारी साखर संघ ने सरकार को बताया कि लंबे समय तक आश्रय स्थलों में रहने के कारण गन्ना मजदूरों में अंसतोष पैदा हो रहा है। इसलिए उन्हें घर जाने की अनुमति देनी चाहिए। इसके आधार पर सरकार ने यह फैसला किया है।
संपत्ति खरीद-बिक्री के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की परमिशन
कोरोना संकट के चलते सरकार को हो रहे राजस्व नुकसान को देखते हुए सरकार ने आर्थिक स्तर पर फैसलों की शुरुआत की है। राज्य सरकार ने प्रापर्टी खरीद-बिक्री व्यवहार शुरु करते हुए इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी है।
मंत्रिमंडल उप समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है। समिति के प्रमुख उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया किचालू आर्थिक वित्तवर्ष के लिए जिला नियोजन योजना की 25 फीसदी निधि स्वास्थ्य संबंधी कार्यों के लिए खर्च की जा सकेगी। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग, मेडिकल शिक्षा, पुलिस,होमगार्ड सहित अन्य अत्यावश्यक विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों का वेतन भुगतान तुरंत करने का निर्देश दिया है। पवार ने बताया कि गन्ना मजदूरों को तुरंत उनके घर भेजने का फैसला लिया गया है।
Created On :   17 April 2020 9:14 PM IST