बेटियों के लिए वरदान है ये अपार्टमेंट, 25 साल से नहीं हुआ कोई लड़का

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बेटियों के लिए वरदान है ये अपार्टमेंट, 25 साल से नहीं हुआ कोई लड़का
बेटियों के लिए वरदान है ये अपार्टमेंट, 25 साल से नहीं हुआ कोई लड़का

दीप्ति मुले , नागपुर। शहर का एक अपार्टमेंट ऐसा है जहां बेटियों की ही चहचहाहट गूंजती रहती है। इस अपार्टमेंट में पिछले 25 सालों से हर किसी के घर में बेटियां ही जन्म लेती आ रही है जिसे यहां रहने वाले लोग मां लक्ष्मी की वरदान मानते हैं।   सुंदर अपार्टमेंट की सी विंग में रहने वाले लोगों ने बताया कि, हमारे अपार्टमेंट में तो लक्ष्मी मां का वरदान है। लगभग 25 साल हो गए हैं अपार्टमेंट बने हुए। हर किसी के घर में बेटियों की किलकारी गूंजती है।  25 सालों से किसी के घर बेटा पैदा नहीं हुआ है। 

मानते हैं मां लक्ष्मी का वरदान
अपार्टमेंट के सभी लोग अपने आप को खुशनसीब मानते हैं कि, उन्हें बेटियां ही हैं। अपार्टमेंट में रहने वाली मीना श्रीनिवासन ने बताया कि हम तो भगवान का आशीर्वाद मानते हैं। मैं जब यहां रहने आई तो मेरी बेटी विषाला 4 महीने की थी, फिर दूसरी बार भी मुझे बेटी हुई, जिसका नाम कामाक्षी है। इसी तरह अपार्टमेंट में रहने वाले हर घर में सिर्फ बेटियां ही हैं। इसे चमत्कार नहीं, पर भगवान का वरदान मानते हैं। यह महज संयोग हो सकता है, पर इस अपार्टमेंट में बेटियों का होना अपार्टमेंट में रहने वालों के लिए मां लक्ष्मी का वरदान है। 

12 फ्लैट हैं सी विंग में
अपार्टमेंट में रहने वाली -श्रद्धा श्रीकांत सोनक कहती हैं कि हमारी विंग में 12 फ्लैट हैं और सभी घर में बेटियां ही हैं। फ्लैट में रहने के लिए जो बेटा लेकर आए हैं, उन्हीं के बेटे है, पर बेटे को जन्म किसी ने नहीं दिया है। मेरी दो बेटियां हैं श्रुति सोनक और श्रेया सोनक। दोनों बेटियांे की पैदाइश इसी अपार्टमेंट की है। सभी लोग बेटे के पीछे दौड़ लगा रहे हैं, पर आज बेटियां हर क्षेत्र में बेटों से आगे हैं। दोनों बेटियां पढ़ने से लेकर हर फील्ड में बहुत आगे हैं। 

नहीं हुई बेटे की कमी महसूस
मृदुल मिलिंद सोनक का कहना है कि अपार्टमेंट के किसी भी घर में इस बात का गम नहीं है कि, उन्हें बेटा नहीं है। आजकल तो बेटा और बेटी दोनों एक समान है। बेटियां भी हर वो काम कर सकती हैं, जो बेटे कर सकते हैं। इसमें गम करने की कोई बात नहीं है। हमारी दो बेटियां मंजिरी सोनक अौर मयूरी सोनक हैं। हमने बेटियों को सक्षम बनाया है, ताकि वे खुद ही अपने काम कर सकें। 

परेशानी नहीं होती महसूस
इसी अपार्टमेंट में रहने वाली राजेश्वरी अरुण नायडू कहती हैं कि जब कन्या भ्रूण हत्या के बारे में सुनते हैं, तो बहुत दुख होता है। हमारे अपार्टमेंट के हर घर में बेटियां ही हैं। आज तक हमें किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। हम तो अपनी बेटियों को भाग्यलक्ष्मी कहते हैं। मेरी दोनों बेटियां मिताली नायडू और भावना नायडू दोनों ही हमारा लकी चार्म है। बेटियां होने से घर में रौनक है ही, साथ ही पूरा दिन अपार्टमेंट में धमाल मचाती रहती हैं। 

Created On :   6 March 2018 2:01 PM IST

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