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नहीं रहा ‘सूर्या’, नम आंखों से दी विदाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पुलिस विभाग में करीब एक दशक तक सेवा देने वाले व डेयरडेविल खोजी श्वान के नाम से प्रसिद्ध बम शोधक-निरोधक दस्ते के सेवानिवृत्त श्वान सूर्या का निधन हो गया। सूर्या के निधन पर पुलिस अधिकारियों ने शोक व्यक्त किया है। लैब्राडोर प्रजाति का सूर्या बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड (बीडीडीएस) नागपुर से वर्ष 2018 में सेवानिवृत्त हुआ था। हेड कांस्टेबल सुनील काकड़े उसके हैंडलर थे। सूर्या किडनी संबंधी समस्या से जूझ रहा था। सूर्या ने कई अपराध को उजागर करने में मदद की थी। उसे बुधवार को बीडीडीएस कार्यालय परिसर के पीछे अंतिम सलामी देकर दफनाया गया। सूर्या ने 2014-15 में वर्धा के एक विधायक के घर में रखे बम को डिटेक्ट करने में मदद की थी। वर्ष 2013 में गड़चिरोली जिले में जमीन के अंदर बिछाए 15 किलो विस्फोटक को खोजने में मदद की थी।
काकड़े ने सूर्या को गोद लिया था
आमतौर पर सेवानिवृत्ति के बाद पुलिस के श्वान को उसका हैंडलर ही गोद लेता है। डॉग हैंडलर हेड कांस्टेबल सुनील काकड़े से वह इतना घुल मिल गया था कि उनकी हर बात मानता था। बीडीडीएस में कार्य कर चुकी पुलिस निरीक्षक वैजयंती मांडवधरे ने बताया कि सूर्या किसी दूसरे के हाथ से कुछ नहीं खाता था। वह बहुत होशियार शांत स्वभाव का था, लेकिन जब अपराधियों की बात आती, तो वह उग्र हो जाता था। उसके सेवानिवृत्त होने पर सुनील ने उसे गोद लिया था। बुधवार को सूर्या का अंतिम संस्कार सुनील ने ही किया। सुनील का कहना है कि वह घर के सदस्य की तरह था।
पुणे में 2 महीने की उम्र में लिया प्रशिक्षण
वर्ष 2008 में जन्मे सूर्या को महज डेढ महीने की उम्र में नागपुर पुलिस बल में शामिल कर लिया गया था। वह पुणे में प्रशिक्षण लेने के बाद पुलिस विभाग में शामिल हुआ था। जब डेढ माह का था तब उसे गैस्ट्रो हो गया था। उस समय उसका उपचार अलंकार टाकीज के पास पशु चिकित्सालय में डाॅ. डेकाटे कर रहे थे। उस समय वह भी हिम्मत हार चुके थे, लेकिन वह स्वस्थ हुआ। उसके पश्चात सूर्या को 6 महीने की ट्रेनिंग के लिए पुणे के बॉम्ब डॉग सेंटर ले जाया गया। प्रशिक्षण के बाद, सूर्या छिपे हुए विस्फोटकों का पता लगाने में मास्टर बन गया।
Created On :   6 Jan 2022 4:21 PM IST