सुशांत चेहरे से बेहद शांत, सौम्य व एक अच्छे इंसान थे - HC

Sushant was a very calm, gentle and a good person with a face - HC
सुशांत चेहरे से बेहद शांत, सौम्य व एक अच्छे इंसान थे - HC
सुशांत चेहरे से बेहद शांत, सौम्य व एक अच्छे इंसान थे - HC

डिजिटल डेस्क,मुंबई। फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले को लेकर विवाद के बीच बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि इस मामले में जो सबसे निर्विवाद चीज है वह यह कि सुशांत चेहरे से बेहद शांत, सौम्य व एक अच्छे इंसान थे। फिल्म एमएस धोनी अनटोल्ड स्टोरी के बाद लोगों ने उन्हें बहुत पसंद किया गया। हाईकोर्ट ने यह बात सुशांत की बहन प्रियंका सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। सिंह ने याचिका में खुद के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की है।  सुशांत की मौत के मामले में आरोपी फिल्म अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने बांद्रा पुलिस स्टेशन में प्रियंका सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसे रद्द करने की मांग को लेकर सुशांत की दोनों बहनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। सुशांत की एक बहन वकील है जबकि दूसरी बहन राज्यस्तरीय क्रिकेट खिलाड़ी है।

पुलिस ने सुशांत की बहन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420,464,465,468,474 व 306 के तहत मामला दर्ज किया है। गुरुवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई।   इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि मुंबई पुलिस की ओर से मामले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर आधारहीन है। उन्होंने कहा कि पुलिस के उस दावे में भी कोई दम नहीं है जिसमे कहा गया है कि सुशांत की दवा के लिए फर्जी प्रिस्क्रप्शन (दवा की पर्ची) तैयार किया गया था। पुलिस ने मेरे मुवक्किल के खिलाफ गलत धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इसलिए इस एफआईआर को रद्द किया जाए। क्योंकि सीबीआई पहले से ही इस मामले की जांच कर रही है। जबकि मुंबई पुलिस की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कहा कि सुशांत के लिए फर्जी दवा की पर्ची तैयार की गई थी।

डाक्टरों ने ऑनलाइन सुशांत को देखा भी नहीं था। टेलिमेडिसिन से जुड़े दिशा-निर्देशों का भी पालन नहीं हुआ है। जो दवाएं लिखी गई थी वे प्रतिबंधित दवाएं थी। जिनका इस्तेमाल डाक्टर के वैध प्रिस्क्रिप्शन के बाद ही किया जाता है। इस मामले में संज्ञेय अपराध का खुलासा हुआ है। इसलिए पुलिस ने चक्रवर्ती की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है। जो सुप्रीम कोर्ट फैसले के चलते सिर्फ सीबीआई को सौंपा जा सकता है लेकिन मामले को रद्द नहीं किया जा सकता है। इसकी जांच जरुरी है। इस दौरान उन्होंने दवा को लेकर प्रियंका के व्हाट्स एप मैसिज का भी उल्लेख किया।  वहीं सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण को लेकर पिछले साल दिए गए एक आदेश में कहा कि इस मामले को लेकर सीबीआई ही सारी जांच करेगी। ऐसे में मुंबई पुलिस को मामला नहीं दर्ज करना चाहिए। यदि कर भी लिया था तो इसे सीबीआई को सौंप देना चाहिए था।

 अंत में रिया चंक्रवर्ती के वकील सतीश मानेशिंदे ने भी कहा कि इस मामले की जांच आवश्यक है क्योंकि इससे सुशांत के मौत की वजह साफ हो सकती है। क्योंकि इस मामले में सुशांत पर दवाओं के गलत असर होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि जो दवाएं प्रिसक्रिप्शन मे लिखी गई है वे सुशांत को पहले देखनेवाले डाक्टरों ने नहीं लिखी थी। हम चाहते हैं कि इस मामले की सिर्फ जांच हो। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि इस सबके बीच जो निर्विवाद बात है, वह यह कि फिल्म अभिनेता सुशांत चेहरे से बेहद सौम्य, शांत व अच्छे इंसान थे। फिल्म ‘एमएस धोनी- अनटोल्ड स्टोरी’ के बाद उन्हें बेहद पसंद किया गया। खंडपीठ ने फिलहाल सभी पक्षकारों को लिखित रुप से अपनी दलीलें देने के लिए एक सप्ताह तक का समय दिया है। 
 

Created On :   7 Jan 2021 6:50 PM IST

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