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आदिवासियों के हित की आड़ में माओवादी एजेंडा चला रहे थे स्वामी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भीमा कोरेगांव के एल्गार परिषद मामले में आरोपी स्टैन स्वामी आदिवासियों की आवाज उठाने की आड़ में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) का एजेंडा पूरा कर रहे थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से पैरवी कर रहे विशेष सरकारी वकील प्रकाश शेट्टी ने मुंबई की विशेष अदालत में यह दावा किया है। कोर्ट में स्वामी की ओर से दायर किए गए जमानत आवेदन पर सुनवाई चल रही है।
न्यायाधीश के सामने अधिवक्ता शेट्टी ने दावा किया कि आरोपी पर उन सबूतों को नष्ट करने का आरोप है, जो उनकी संलिप्तता को दर्शाते थे। आरोपी पर अवैध गतिविधि प्रतिबंधक कानून की धाराओं के तहत भी आरोप हैं। आरोपी ऐसी संस्थाओं के समर्थन में थे जो सीपीआई (एम) का मुखौटा हैं। एक तरह से स्वामी आदिवासियों की आवाज की आड़ में सीपीआई (एम) का एजेंडा पूरा कर रहे थे। इसलिए आरोपी को जमानत न दी जाए। 83 वर्षीय आरोपी स्वामी को 9 अक्टूबर 2020 को रांची से गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल स्वामी को तलोजा जेल में रखा गया है।
Created On :   30 Jan 2021 7:44 PM IST