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स्वयंभू विट्ठल-रुख्मिणी देवस्थान की याचिका खारिज , धापेवाड़ा यात्रा की मांगी थी परमिशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने स्वयंभू विट्ठल-रुख्मिणी देवस्थान की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने 10-15 लोगों की उपस्थिति में धापेवाड़ा यात्रा के आयोजन को अनुमति देने की प्रार्थना कोर्ट से की थी। याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने आयोजन समिति को जिलाधिकारी के पास पुनर्विचार अर्जी दायर करने की अनुमति दी, साथ ही जिलाधिकारी को अपने फैसले पर पुनर्विचार की भी छूट दी गई है।दरअसल, नागपुर जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे ने एक नोटिफिकेशन जारी करके कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष धापेवाड़ा में आषाढ़ी यात्रा पर रोक लगा दी है। इस यात्रा में निकलने वाली पालकी और दिंडी में भीड़ जुटने की आशंका को देखते हुए जिलाधिकारी ने यह नोटिफिकेशन जारी किया है।
देवस्थान ने इस नोटिफिकेशन को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए जिलाधिकारी के नोटिफिकेशन को शिथिल करने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की थी। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि यह उत्सव 300 वर्ष पुरानी संस्कृति का हिस्सा है। धापेवाड़ा में फिलहाल कोई कोरोना संक्रमित नहीं है। न ही आयोजन समिति किसी बाहरी व्यक्ति को अनुमति देगी। यदि 10 से 15 लोगों की उपस्थिति में इस यात्रा को अनुमति मिले तो यह परंपरा जारी रह सकती है। अपनी इस दलील को पुख्ता करने के लिए उन्होंने हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जगन्नाथ पुरी यात्रा से जुड़े उस आदेश का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने कई शर्तों के साथ यात्रा को अनुमति दी थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने जिलाधिकारी के आदेश में किसी प्रकार का परिवर्तन करने से इनकार कर दिया है।
Created On :   1 July 2020 1:22 PM IST